संक्रमित खून चढ़ाया गया- HIV पीड़िता
कोरबा | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के कोरबा की एक एचआईवी पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसे संक्रमित खून चढ़ाया गया है. कोरबा की एक 29 वर्षीय महिला को खून की कमी के कारण एक निजी नर्सिंग होम में डोनर का ब्लड चढ़ाया गया था. महिला का कहना है कि उसे 28 मार्च 2016 को कोरबा के निहारिका क्षेत्र के बिलासा ब्लड बैंक से खून लेकर चढ़ाया गया था. निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने पर वह घर चली गई तथा अपने बच्चे को दूध पिलाती रही.
महिला का आरोप है कि कुछ महीनों बाद जब उसने अपनी जांच कराई तो उसमें उसका तथा बच्चे का एचआईवी पॉजिटिव निकला. महिला का आरोप है कि उसे एचआईवी बिलासा ब्लड बैंक से चढ़ाये गये खून के कारण हुआ है. महिला ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की है. जिला कलेक्टर ने इस मामले में सीएचएमओ से जवाब मांगा है.
सीएचएसओ ने स्थानीय स्तर पर जांच करने के लिये कमेटी बनाई है तथा राज्य एड्स नियंत्रण समिति को इस बारे में सूचित कर दिया है. वहां से भी राज्य स्तर पर टीम का गठन कर जांच के लिये कहा गया है.
इस मामले में बिलासा ब्लड बैंक कोरबा के आलोक प्रकाश का कहना है कि अभी मामले में जांच चल रही है जिसके बाद सबकुछ सामने आ जायेगा. उन्होंने कहा इससे ज्यादा उन्हें जानकारी नहीं है.
इस मामले में जानकारों का कहना है कि डोनर से ब्लड लेने के पहले उसके खून की जांच की जाती है जिसमें यह देखा जाता है कि कहीं डोनर को सिफलिस, एचआईवी, हेपेटाइटिस, मलेरिया या अन्य घातक रोग का संक्रमण तो नहीं है. उसी के बाद किसी भी डोनर का खून लिया जाता है.
इसके अलावा एचआईवी जैसे रोग का संक्रमण केवल खून से ही नहीं होता है. एचआईवी संक्रमण की संभावना संक्रमित सुई, ऑपरेशन के औजार, संक्रमित दांत निकालने के औजारों से हो सकती है.
मूलतः एचआईवी एक संक्रमण है जिससे जानलेवा रोग एड्स हो जाता है. जरूरी नहीं कि हर एचआईवी पॉजिटिव को एड्स का रोग हो.