संघ ने माना नोटबंदी से उद्योग बंदी
रायपुर | संवाददाता: उद्योग संघ ने नोटबंदी से आई मंदी को मान लिया है. छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की रायपुर के बाम्बे मार्केट स्थित भवन में हुई बुधवार को हुई मीटिंग में उद्योगपतियों ने साफ-साफ कहा कि करेंसी की कमी के कारण माल नहीं बिक रहें हैं. इस कारण से उन्हें मजबूरन अपने कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजना पड़ा है. अब तक करीब 15 फीसदी मजदूरों-कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया है.
बैठक में उदयोगपतियों ने खुलकर कहा कि नोटबंदी से स्थिति लगभग विकराल हो गई है. करेंसी का संकट बढ़ गया है. सरकार चेक के माध्यम से भुगतान करने को कहती है पर रोजी पर आने वाले मजदूर नगदी में ही भुगतान मांगते हैं.
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नोटबंदी की मार, धान के दाम गिरे
एक उ्दयोगपति ने कहा कि उन्होंने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों का बैंक में खाता खुलवा दिया है लेकिन वे अपनी मजदूरी नगद ही मांगते हैं.
छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसियेशन के मनीष धुप्पड़ ने बताया कि 125 में से 17 प्लांट बंद हो गये हैं तथा कुछ अगले दिनों में बंद हो जायेंगे.
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छत्तीसगढ़ में नगदी की भारी कमी
छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसियेशन के विजय झंवर ने कहा कि दिसंबर के बाद भी स्थिति सुधरेगी की नहीं इसमें शंका है.
छत्तीसगढ़ राइस मिल एसोसियेशऩ के योगेश अग्रवाल ने बताया कि नोटबंदी की वजह से किसान खुले बाजार में हजार रुपये क्विंटल के भाव पर अपना धान बेच रहे हैं. रेट 15 सौ रुपये का है परन्तु किसान चेक के बजाये नगदी ही बेचना चाहते हैं.
इस वजह से किसान घाटा सहकर भी खुले बाजार में अपना धान बेच रहें हैं.