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बस्तर: किसान 5 रु. में धान बेचने तैयार

जगदलपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ के बस्तर के किसान 5 रुपये किलो की दर से धान बेचने को तैयार हैं. जबकि सरकार द्वारा घोषित मूल्य के अनुसार उन्हें 14.70 रुपये प्रति किलो न्यूनतम मिलना चाहिये. इसके मूल में नोटबंदी के कारण बाजार में उपजी नगदी की समस्या है जिसे कोचिये बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहें हैं.

नोटबंदी का सबसे बुरा असर बस्तर में देखने को मिल रहा है. पहले ही इस बात के समाचार मिल रहे थे कि वहां के बैंकों से नोट नहीं मिल रहें हैं.

धान कटाई के बाद किसान अब उसे बेचने के लिये साप्ताहिक बाजार में पहुंच रहें हैं लेकिन कोचियों के पास नगदी ने होने के कारण कईयों को अपना धान लेकर वापस लौटना पड़ रहा है.

लोहण्डीगुड़ा के साप्ताहिक बाजार में दोपहर के 12 बजे कोचियों का पैसा खत्म हो गया. इसके बाद उन्होंने धान की खरीदी बंद कर दी. मजबूरी में कई किसान जो धान लेकर पहुंचे थे वे 5 रुपये किलो की दर से धान बेचने को तैयार हो गये. उसके बावजूद उन्हें खरीददार नहीं मिला.

गौरतलब है कि सरकार द्वारा अग्रिम वेतन देने की घोषणा के बाद 5वीं बटालियन को अफसर जब स्टेट बैंक के कलेक्टोरेट शाखा में 30 नवंबर को पहुंचे थे तो ब्रांच मैनेजर ने कैश न होने की वजह से उन्हें अग्रिम वेतन देने में असमर्थता जाहिर की थी.

यहां तक कि 19 नवंबर के दिन बस्तर के वकावंड ब्लॉक के करपावंड में ग्रामीण बैंक में कुछ व्यापारी पैसा निकलने पहुंचे थे. बैंक द्वारा पैसा न होने की जानकारी देने पर उनके साथ विवाद की स्थिति बन गई. इसी बीच एक व्यापारी ने कथित तौर पर बैंक मैनेजर अभिषेक सिंह को जान से मारने की धमकी दी थी.

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