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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का यक्ष प्रश्न

बिलासपुर | संवाददाता: हाईकोर्ट ने मंत्री, पूर्व मंत्री व आईएएस के खिलाफ जांच के नियम पूछे हैं. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ शासन से पूछा है कि मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों तथा आईएएस अधिकारियों के खिलाफ होने वाली शिकायतों पर जांच व कार्यवाही का नियम क्या है. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अदालत ने राज्य शासन से नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष मिश्रा की याचिका पर पूर्व मंत्री रामविचार नेताम तथा मुख्य सचिव विवेक ढाढ़ को नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया है.

उल्लेखनीय है कि तत्कालीन पंचायत मंत्री रामविचार नेताम के निर्देश पर सरगुजा के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिया तथा सड़क का निर्माण किया गया था. पहली बारिश में ही पुलिया बह गई. इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष मिश्रा ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी ली तथा मंत्री रामविचार नेताम तथा पंचायत सचिव विवेक ढांढ के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज करवाई.

लोकायुक्त ने जांच कर अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी. लगातार शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही न होने पर आशुतोष मिश्रा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई जिसमें पूर्व मंत्री रामविचार नेताम तथा मुख्य सचिव विवेक ढांढ को पक्षकार बनाया.

गुरुवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री रामविचार नेताम तथा विवेक ढांढ को नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया तथा छत्तीसगढ़ शासन को नोटिस जारी करके पूछा है कि मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों तथा आईएएस अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायत पर जांच तथा कार्यवाही का नियम क्या है?

मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह के बाद होगी.

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