छत्तीसगढ़

भाजपा का चिंतन शिविर अवैध: कांग्रेस

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बारनवापारा अभ्यारण्य में आयोजित भाजपा चिंतन शिविर को अवैध कहा है. कांग्रेस के प्रवक्ताओँ ने आरोप लगाया है कि बारनवापारा अभ्यारण्य प्रतिबंधित क्षेत्र है जहां 15 जून के बाद बाहरी व्यक्तियों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित होता हैं. इसके बावजूद भाजपा ने सत्तारूढ़ दल होने का नाजायज फायदा उठा कर वहां चिंतन शिविर का आयोजन किया है.

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा के चिंतन शिविर के आयोजन के लिये वन ग्रामों में रहने वाले स्कूली बच्चों से रास्तों मे भाजपा के पोस्टर बैनर लगवाये गये तथा वन विभाग के बोर्ड को पोत कर भाजपा के नारे लिखे गये हैं.

अभ्यारण्य क्षेत्र में 100 से अधिक लक्जरी गाड़ियां मौजूद है. भाजपा में चिंतन शिविर के लिये चार हरे भरे पेड़ों को काटा गया. अभ्यारण्य के मूल स्वरूप को नुकसान पहुंचाया गया.

प्रेस को जारी अपने विज्ञप्ति में कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया है कि इसकी शिकायत राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल से फोटो सहित की गई है.

उधर, प्रेस को जारी एक और विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह भाजपा के लिये चिंतन नहीं चिंता करने का समय है.

त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस में रहकर भाजपा की मदद करने वालों के कांग्रेस से बाहर हो जाने से रमन सिंह के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही है.

तीसरी शक्ति के उदय की बातें करके रमन सिंह भले ही अपने दिल को दिलासा दे दे लेकिन सच्चाई तो यहीं है कि रमन सिंह और पहले कांग्रेस में रहकर रमन सिंह के सहयोगी दोनों ही जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुके है.

अब भाजपा के लिये चिंतन का नहीं चिंता का समय है.

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड, झलियामारी की घटना, सारकेगुड़ा की घटना, नान घोटाला, धान घोटाला, खदान घोटाला, फर्जी आत्मसमर्पण, फर्जी मुठभेड़, किसानों के साथ वादाखिलाफी के कारण भारतीय जनता पार्टी की सरकार की विश्वसनीयता पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है.

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