छत्तीसगढ़

बांध से छत्तीसगढ़ को नुकसान

रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के आदिवासियों पर गोली चालन की निंदा की है. उल्लेखनीय है कि अमनार में कनहर नदी पर बनने वाले बांध से छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्र भी डूबने वाले हैं जिसका किसान विरोध कर रहे थे. उसी समय उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन पर गोली चलाई थी. इस गोली चालन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हितों को बस्तर, सरगुजा के हितों को और आदिवासियों के हितों को रमन सिंह सरकार ने लगातार नुकसान पहुंचाया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के बाहर बन रहे बांधो से छत्तीसगढ़ की जमीन के डूबान के मामले में भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा कर पाने में विफल रही है. झारा गांव के निकट पुलिस के गोली चालन में विलुप्त आदिवासी जनजाति के अकलू पंडो की हालत गंभीर है. बनारस के अस्पताल में जीवन मृत्यु का संघर्ष कर रहा है. अनेक ग्रामीण घायल है. 90,000 लोग इस बांध से प्रभावित हो रहे है. जिनमें 22,000 लोग छत्तीसगढ़ के है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के प्रभावितों में 90 फीसदी लोग आदिवासी है. रामचंद्रपुर ब्लाक के 50 स्कूल, जंगल, उपजाउ जमीन और 39 गांव इस बांध के डुबान-क्षेत्र में आयेंगे. सरगुजा जिले के बलरामपुर जिले का एक बड़ा हिस्सा इस बांध के बनने से तबाह हो जायेगा.

कांग्रेस ने रमन सरकार पर आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की इस तबाही के लिये रमन सिंह सरकार के द्वारा कनहर नदी पर इस बांध को बनाने के लिये 2010 में दी गयी सहमति जिम्मेदार है.

विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव ने बार-बार डूबान क्षेत्र पीडि़तों के व्यवस्थापन और मुआवजे को लेकर सवाल उठायें लेकिन सरकार ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिये.

अपनी प्रस विज्ञप्पति में छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कहा है कि पूरा बलरामपुर जिला आज आशंका-कुशंका के दौर से गुजर रहा है. आतंकित है. प्रताडि़त है. भाजपा सरकार गूंगी बहरी असंवेदनहीन हो गयी है. बलरामपुर जिले की ही तरह सुकमा जिले के 17 गांव 80 पाराटोला 3000 एकड़ जमीन और जंगल का एक बड़ा हिस्सा आंध्रप्रदेश तेलंगाना के पोलावरम बांध में डूब में आ रहे है. जगदलपुर को हैदराबाद से जोड़ने वाले राश्ट्रीय राजमार्ग भी पोलावरम बांध में डूब जायेगा. सरगुजा की ही तरह बस्तर भी भाजपा सरकार की अनदेखी का शिकार है.

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