छत्तीसगढ़

रमन गलत या पार्टी बतायें- कांग्रेस

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने संसदीय सचिवों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री रमन सिंह से सवाल किया है. कांग्रेस ने पूछा है कि रमन सिंह बतायें कि संसदीय सचिवों के मुद्दे पर वे सही हैं या उनकी पार्टी. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि दिल्ली में भाजपा सही थी, तो अंबिकापुर में होने वाली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में संसदीय सचिवों को हटाने का फैसला लेने का साहस दिखाये. संसदीय सचिव का पद लाभ का पद होता है. इस बात की कानूनी लड़ाई भाजपा ने ही दिल्ली में लड़ा है. इसके बाद नैतिकता और प्रदेश की जनता की अपेक्षा है कि भाजपा छत्तीसगढ़ में भी अपने 11 विधायकों को भी लाभ के पद संसदीय सचिव को बर्खास्त करें.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 21 संसदीय सचिव बनाये हैं. इसे लाभ का पद माना जा रहा है तथा उन विधायकों के सिर पर खतरा मंडरा रहा है. हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल पर हस्ताक्षर करने से मनाकर दिया जिसमें संसदीय सचिव के पद को लाभ का पद से अलग करने का प्रस्ताव था.

दिल्ली के संसदीय सचिवों के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस भाजपा की रमन सरकार को घेरना चाहती है. छत्तीसगढ़ की रमन सरकार में 13 मंत्री तथा 11 संसदीय सचिव हैं. छत्तीसगढ़ में अम्बेश जांगड़े, लाभचन्द बाफना, लखन देवांगन, मोतीराम चंद्रवंशी, रूपकुमारी चौधरी, शिवशंकर पैकरा, सुनीति सत्यानंद राठिया, तोखन साहू, चंपा देवी पावले, गोवर्धन सिंह मांझी तथा राजू सिंह क्षत्री संसदीय सचिव हैं.

इसी को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से सवाल पूछा है कि जब दिल्ली में पार्टी नेतृत्व यह मानता है कि संसदीय सचिव का पद लाभ का पद होता है तो छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिवों को क्यों नहीं बर्खास्त किया जा रहा है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से पूछा है कि दिल्ली में अपनी पार्टी के स्टैंड से वे इत्तेफाक रखते हैं कि नहीं? इतने सवालों के बाद भी वे अपनी सरकार के द्वारा नियुक्त संसदीय सचिवों के बारे में मौन क्यों हैं? रमन सिंह बतायें कि उनकी सरकार गलत है या फिर उनकी पार्टी गलत हैं?

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