छत्तीसगढ़: IAS बीएल अग्रवाल बरी
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के आईएएस अफसर अग्रवाल सभी आरोपों से बरी कर दिये गये हैं. छत्तीसगढ़ सरकार में 1988 बैच के आईएएस अफसर को आयकर विभाग के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग तथा एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी सभी आरोपों से साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है. मामले को खात्में के लिये न्यायालय भेज दिया गया है.
गौरतलब है कि फऱवरी 2010 में आयकर विभाग ने बीएल अग्रवाल के ठिकानों तथा बैंक लॉकरों पर छापा मारा था. छापे में 253 करोड़ की संपत्ति तथा 220 बैंक खातें मिलने की बात की गई थी. गौरतलब है कि नवंबर 2008 में भी आयकर विभाग ने बीएल अग्रवाल के यहां छापा मारा था. उस समय उनके बेटे के नाम 85 लाख रुपयों के बीमा होने का पता चला था.
आयकर अधिकारियों को तफ्तीश में पता चला था कि आईएएस अग्रवाल ने रायपुर के पास खरोरा गांव के 220 लोगों को अकाउंट होल्डर बनवा दिया था. सारे खातेधारियों के पास परमानेंट अकाउंट नंबर है.
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ये सारे लोग अग्रवाल एंड कंपनी की कंपनियों में शेयर होल्डर हैं. इन कंपनियों को आईएएस के भाई अशोक अग्रवाल और पवन अग्रवाल चलाते हैं.
इस कार्यवाही के बाद राज्य सरकार ने बीएल अग्रवाल को निलंबित भी कर दिया था तथा उनका प्रमोशन रोक दिया था. बीएल अग्रवाल ने आयकर विभाग की इस कार्यवाही को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चुनौती दी.
आयकर विभाग ने हाईकोर्ट में सफाई दी कि अग्रवाल के यहां से करोड़ों नहीं केवल 7.73 लाख रुपये मिले हैं. आयकर विभाग ने पहले ही मामला आर्थिक अपराध विंग तथा एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंप दिया था.
बहरहाल आयकर के बाद आर्थिक अपराध विंग तथा एंटी करप्शन ब्यूरो में प्रकरण नस्तीबद्ध होने के बीएल अग्रवाल सभी आरोपों से बरी हो गये हैं.