छत्तीसगढ़: बस्तर में रक्षक बना भक्षक
रायपुर | समाचार डेस्क: बस्तर में एक जवान ने 6छठवीं कक्षा की आदिवासी लड़की के साथ कथित तौर पर रेप किया. पुलिस ने सीएएफ जवान के खिलाफ़ मामला दर्द कर लिया है तथा उसके मोबाईल नंबर के आधार पर उसे ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है. अभी तक रेप करने वाले जवान की पहचान नहीं हो पाई है.
मामला दंतेवाड़ा का बुधवार का है तथा शनिवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. सबसे पीड़ित करने वाली बात यह है कि जिन सुरक्षा बलों के जवानों को बस्तर में नक्सलियों से जूझने के लिये तैनात किया गया है वहीं आदिवासी लड़कियों-महिलाओं को यौन प्रताड़ना का शिकार बनाते हैं.
मिली जानकारी के अनुसार 6छठवीं में पढ़ने वाली पीड़िता अपने जीजा के घर में रहकर पोटा केबिन में पढ़ती है. गर्मी के छुट्टियों में पीड़िता अपने जीजा के दुकान में भी बैठती थी. वहीं पर जारम कैंप का एक जवान आता था तथा उसने पीड़िता को अपना मोबाईल नंबर दिया था.
बताया जा रहा है कि जवान लड़की से मोबाईल फोन से बात भी करता था. बुधवार की रात जब पीड़िता के जीजी-जीजा घर पर नहीं थे उस समय जवान ने लड़की के साथ रेप किया. जवान ने लड़की को इसकी जानकारी किसी को भी नहीं देने के लिये धमकाया भी था.
थानेदार राजेश देवदास ने परिजनों तथा पीड़िता के शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है.
छत्तीसगढ़ पीयूसीएल के डॉ लाखन सिंह ने आरोप लगाया कि पास के जारम सीआरपीएफ कैंप के जवानों द्वारा गांव में रेप की यह तीसरी घटना है. उन्होंने कहा कि आजतक किसी जवान को रेप के आरोप में गिरफ्तार नहीं किया गया है.
बस्तर में रेप के मामलें
जनवरी 2016 में छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर ज़िले में कम से कम नौ आदिवासी महिलाओं ने सुरक्षा बल के जवानों पर सामूहिक दुष्कर्म के आरोप लगे थे. आदिवासी महिलाओं का आरोप है कि 11 से 14 जनवरी के बीच बासागुड़ा थाना के अलग-अलग गांवों में सैकड़ों की संख्या में सुरक्षा बल के जवान पहुंचे और उन्होंने इन महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.
अक्टूबर 2015 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल ऑपरेशन के समय तीन गांवों की करीब 40 आदिवासी महिलाओं के साथ छेड़छानी का मामला प्रकाश में आया था. दो आदिवासी महिलाओं ने रेप का भी आरोप लगाया था. नक्सल ऑपरेशन के समय बासागुड़ा ब्लॉक के तीन गांव पेडागुलेर, बुडीचेरू तथा गुनडाम में करीब 40 महिलाओं के साथ छेड़छानी की गई तथा उन्हें निवस्त्र किया गया.
बस्तर में सुरक्षा बलों की तैनाती सरकार ने आदिवासियों के रक्षक के रूप में की है परन्तु वही इनके भक्षक बनते जा रहें हैं.