छत्तीसगढ़रायपुर

कृषि की जमीन गैरकृषकों को नहीं

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में सरकार ने कृषि भूमि को गैर कृषक को बेचने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. इस बारे में विधानसभा के ताजा सत्र में भू-राजस्व संहिता में संशोधन के लिये विधेयक लाया जायेगा. मुख्यमंत्री रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

मंत्रिमंडल में यह निर्णय लिया गया कि अब राजस्व न्यायालयों में केवल चार बार सुनवाई की तिथि बढ़ाई जा सकेगी. इसके बाद संबंधित राजस्व न्यायालय को अपना निर्णय देना होगा. राजस्व प्रकरणों के स्थगन के मामले में भी समय-सीमा निर्धारित की गयी है. अब किसी भी राजस्व न्यायालय में स्थगन देने की समय-सीमा तीन माह से अधिक नहीं होगी. निर्णय के अनुसार राज्य और किसी व्यक्ति के मध्य अधिकार संबंधी विवाद का निराकरण वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा किया जाता है. अब इसका निराकरण कलेक्टर करेंगे. विकास योजना के अनुसार भू-उपयोग के लिए डायवर्सन की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. अब केवल सक्षम अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी.

मंगलवार को लिये गये निर्णय के अनुसार राज्य सरकार दंतेवाड़ा मॉडल पर प्रत्येक जिले में आजीविका कॉलेज खोलने जा रही है. इसके लिए केबिनेट में राज्य परियोजना शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है. जिला स्तर पर भी इसके लिए जिला परियोजनाओं का गठन किया जाएगा.

मंत्रिमंडल में छत्तीसगढ़ अधोसरंचना विकास एवं पर्यावरण उपकर अधिनियम 2005 में संशोधन के लिए विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया. पहले कोयले और लौह अयस्क के खनिज पट्टों पर राजस्व लिया जाता था. अब प्रस्तावित विधयेक में कोयले और लौह अयस्क के साथ लाईम स्टोन, बॉक्साईट और डोलोमाईट के खनिज पट्टों पर भी राजस्व लगेगा.

रायगढ़ स्थित नवीन जिंदल के कॉलेज की मनमानी के मद्देनजर मंत्रिमंडल में यह बात सामने आई कि कई बार अनेक उच्च शैक्षणिक संस्थान अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करते हैं. ऐसे संस्थानों को असमय बंद करने की स्थिति भी कई बार बनती है. इससे प्रदेश के युवा विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में व्यवधान उत्पन्न होता है. इसे ध्यान में रखकर प्रदेश के विद्यार्थियों के व्यापक हित में राज्य सरकार एक कानून बनाने जा रही है. इसके अन्तर्गत ऐसी परिस्थितियों में लोकहित में संबंधित संस्थान को उसकी सम्पूर्ण सम्पत्ति सहित पांच वर्षों के लिए शासनाधीन किया जा सकेगा, ताकि विद्यार्थियों का हित प्रभावित न हो. इसके लिए मंत्रिपरिषद ने विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!