छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: सूर्यकांत तिवारी के नार्को टेस्ट की मांग
रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले में जेल में बंद सूर्यकांत तिवारी और रजनीकांत तिवारी के नार्को टेस्ट की मांग भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने की है. रायपुर की विशेष अदालत में एसीबी और ईओडब्ल्यू ने इस संबंध में आवेदन लगाया है.
अक्तूबर 2022 में ईडी ने छत्तीसगढ़ में कई अफसरों और कारोबारियों के घर-दफ़्तर पर छापामारी की थी और आरोप लगाया था कि राज्य में एक संगठित गिरोह कोयला परिवहन में 25 रुपए प्रति टन की वसूली कर रहा है.
ईडी के दस्तावेज़ों की मानें तो 15 जुलाई 2020 को इसके लिए सरकारी अधिकारियों ने एक सोची-समझी नीति के तहत आदेश जारी किया और उसके बाद ही अवैध वसूली का सिलसिला शुरू हुआ.
ईडी के अनुसार, इस घोटाले में कई कारोबारी, कांग्रेस पार्टी के नेता और अफ़सर शामिल थे और उन्होंने अब तक इस तरीक़े से 540 करोड़ रुपए से अधिक की रक़म अवैध तरीक़े से वसूली की.
अदालत में प्रस्तुत दस्तावेज़ों में ईडी ने दावा किया है कि उसने इस संबंध में बड़ी संख्या में डायरी, फ़ोन चैट, लेन-देन के सबूत, करोड़ों रुपए नक़द, सोना, अरबों रुपए की संपत्ति के ब्यौरे और दूसरे दस्तावेज़ जब्त किए.
इसके अलावा उसने अभियुक्त कारोबारियों, अफ़सरों और नेताओं की 200 करोड़ रुपए से अधिक की कथित अवैध संपत्ति भी अटैच की है.
इसी मामले में ईडी ने सूर्यकांत तिवारी को आरोपी बनाया था. इसके बाद अक्टूबर 2022 में सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में पहुंचकर आत्मसमर्पण किया था.
ईडी की जांच के बाद जब एसीबी और ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच शुरु की तो पिछले महीने सूर्यकांत तिवारी ने दोनों जांच एजेंसियों के आईजी पर गंभीर आरोप लगाए.
एसीबी और ईओडब्ल्यू की लगातार कार्रवाइयों के बीच सूर्यकांत तिवारी ने यह सनसनीखेज आरोप लगाया था कि उन्हें एसीबी और ईओडब्ल्यू के आईजी अमरेश मिश्रा ने जेल में उन्हें धमकी दी.
अपने अधिवक्ता के माध्यम से सूर्यकांत तिवारी ने विशेष न्यायाधीश पीसी एक्ट की अदालत में इस मामले की शिकायत की थी.
क्या था आरोप
सूर्यकांत तिवारी ने आरोप लगाया था कि 8 सितंबर, रविवार को जेल अधीक्षक कार्यालय में उन्हें बुलाया गया. जब सूर्यकांत तिवारी पहुंचे तो वहां एंटी करप्शन ब्यूरो के निदेशक अमरेश मिश्रा अकेले बैठे हुए थे. एसीबी चीफ ने सूर्यकांत तिवारी को कथित रुप से धमकी देते हुए कहा कि 14 दिन की पुलिस रिमांड के दौरान तुम मुझे मूर्ख बनाते रहे हो, तुम यह अच्छे से जान लो कि सौम्या चौरसिया खत्म हो चुकी है और भूपेश बघेल अब कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बनने वाला है. भले ही अगले चुनाव में कांग्रेस की सरकार ही क्यों न बन जाये. तुम्हें अभी कोई बचाने वाला नहीं है. बेहतर यह है कि तुम यह कह दो कि कोयला परिवहन में हुए भ्रष्टाचार का पूरा पैसा सौम्या चौरसिया के माध्यम से भूपेश बघेल को गया है.
अपने शिकायत पत्र में कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने वकील के माध्यम से आरोप लगाया था कि एसीबी मुखिया को जब उन्होंने किसी घोटाले में शामिल नहीं होने की बात कही तो वो कथित रुप से गुस्से में आ गए.
अपनी शिकायत में सूर्यकांत तिवारी ने कहा कि कथित रुप से अमरेश मिश्रा ने कहा कि तुम्हें मैं डीएमएफ और दूसरे घोटालों के आरोप में फंसा दूंगा, तुम ज़िंदगी भर जेल में सड़ोगे. तुम्हें कोई बचा नहीं पाएगा. लोकल कोर्ट और हाईकोर्ट से भी तुम्हें कोई राहत नहीं मिलेगी. हम जैसा चाहेंगे, वैसा होगा.
शिकायत में कहा गया कि अमरेश मिश्रा ने सूर्यकांत तिवारी से कहा कि, तुम यह भी देख लेना कि मैं अपने कार्यकाल में ही तुमको, सौम्या को और भूपेश को रायपुर न्यायालय से सजा दिलाकर रहूंगा. तुम देख ही रहे हो कि दो साल से तुम सभी जेल में हो और तुम लोगों को कोई नहीं छुड़ा पाया. तुम्हारे दो भाई भी गिरफ्तार हो चुके हैं, परिवार में बचे सदस्यों का भी वही हाल करूंगा.