आयुष का दीक्षांत समारोह संपन्न
रायपुर | समाचार डेस्क:छत्तीसगढ़ आयुष एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह रविवार को राज्यपाल एवं कुलाधिपति शेखर दत्त की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मभूषण एवं देश के ख्याति प्राप्त चिकित्सक डॉ. आर.डी. लेले तथा अतिविशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह थे.
इस समारोह में देश के पांच ख्याति प्राप्त चिकित्सकों को डी.लिट. की मानद् उपाधि से सम्मानित किया गया. साथ ही आठ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया और विभिन्न संकायों के 159 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई.
राज्यपाल शेखर दत्त ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मानवता की सेवा के लिए तैयार विद्यार्थियों को आज उपाधियां प्रदान की गई हैं. स्वास्थ्य सेवा का क्षेत्र सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और चिकित्सा के माध्यम से दूसरों की सेवा करना एक महान कार्य है.
विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उपाधि धारण करने वाले विद्यार्थियों को नये जीवन में प्रवेश करने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि जीवन का क्षेत्र आपके लिए परीक्षा की असली घड़ी होगी.
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. आर.डी. लेले ने अपने संबोधन में कहा कि उस्मानिया चिकित्सा महाविद्यालय में अध्ययन के दौरान वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा सम्पादित ’हरिजन’ के नियमित पाठक थे. एक आलेख में उन्होंने चिकित्सकों का आह्वान किया वे देश के 7 लाख गांवों में अपनी सेवाएं दें जहां हमारे देश की अधिकांश जनता निवास करती है. उन्होंने कहा कि स्नातक की उपाधि पूर्ण करने के उपरांत वे अपने 10 साथी चिकित्सकों के साथ वहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगभग साढ़े चार वर्ष तक अपनी सेवाएं दी. उसके बाद ही वे उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गये.
डॉ. लेले ने बताया कि हेल्थ मेन्टेनेन्स ओर्गेनाइजेशन द्वारा स्वास्थ्य बीमा के लिए प्री-पेड मैनेज्ड अवधारण प्रारंभ की गई है जो स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध कराने की दिशा में एक नई पहल है. इस अवधारणा को आगे बढ़ाने में चिकित्सक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. ऐसे माइक्रो फाइनेंस एवं माइक्रो हेल्थ इन्श्योरेन्स गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस दिशा में अच्छे कार्य किये जा रहे हैं.
उन्होंने विश्वास जाहिर करते हुए कहा कि एलोपेथिक के साथ ही आयुर्वेदिक एवं होम्योपेथिक की विधाओं से जुड़े चिकित्सक एक साथ मिलकर देश के गांवों में बीमारियों के इलाज के लिए कार्य करेंगे.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव संसाधनों की कमी है. राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में इस दिशा में व्यापक कार्य किये गये हैं. जहां राज्य स्थापना के समय दो मेडिकल कालेज सहित नर्सिंग, आयुर्वेद, नेचरोपैथी, फिजियोथेरेपी आदि की बहुत कम संस्थाएं थी, वहीं अब हमारे राज्य में इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी मेडिसिन, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी और नेचरोपैथी आठ संकायों से संबंधित 85 महाविद्यालय है.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है जहां के हर नागरिकों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा दी जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य के क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.
कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जी.बी गुप्ता ने उपलब्धियां बताईं. आयोजन में प्रदेश के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एवं महापौर श्रीमती किरणमयी नायक सहित चिकित्सा शिक्षा के संचालक डॉ. सुबीर मुखर्जी, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. ए.टी. दाबके सहित बड़ी संख्या में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम के अंत में कुलसचिव डॉ. ए.के. भोईटे ने आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरविंद नेरल ने किया.