छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में आधार कार्ड लिंकिंग आधा

रायपुर | विशेष संवाददाता: छत्तीसगढ़ में गैस कनेक्शनों को आधार कार्ड से जोड़ने का काम अब तक अधूरा है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सचिवालय में केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक मंत्रालय के विशेष सचिव एसएस खुटिया के साथ बैठक के बाद यही नतीजा निकल कर सामने आया है. छत्तीसगढ़ सरकार के आकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 16 लाख एलपीजी उपभोक्ता हैं वहीं, अब तक केवल 7 लाख 23 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के बैंक खातों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर एलपीजी स्कीम से जोड़ा जा सका है.

जाहिर है कि छत्तीसगढ़ में अभी भी 8 लाख से ज्यादा एलपीजी उपभोक्ताओं को केन्द्र सरकार के रसोई गैस सब्सिडी स्कीम का हकदार बनाने का काम शेष है. उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने फैसला लिया है कि आने वाले समय से उपभोक्ताओं को रसोई गैस बाजार भाव पर ही खरीदना पड़ेगा तथा इसके एवज में अभी दिये जा रहें गैस सब्सिडी की रकम को सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में जमा करा दिया जायेगा.

केन्द्र सरकार ने इस योजना का नाम ‘पहल’ DBTL दिया है. इसे डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर फऑर एलपीजी कंज्यूमर स्कीम कहा जाता है. इसके अनुसार सभी रसोई गैस के उपभोक्ताओं को अपने बैंक के खाते को इस स्कीम से जोड़ना पड़ेगा तभी उन्हें गैस पर सब्सिडी मिलेगी. केन्द्र सरकार इन बैंक खातों में पहली बार सब्सिडी की राशि अग्रिम रूप से जमा करा देगी. उफभोक्ता जब भी रसोई गैस खरीदेंगे तब उनके खातों में सरकार सब्सिडी की रकम हस्तांतरित कर दिया करेगी लेकिन सब्सिडीयुक्त रसोई गैस सिलेंडर की मात्रा पहले से ही तय है.

इस स्कीम में स्पष्ट कर दिया गया है कि उपभोक्ताओं को तीन माह तक अर्थात् 15.11.2014 से 14.02.2015 तक सब्सिडी युक्त रसोई गैस ही मिलेगी. इसके बाद से रसोई गैस 14.05.2015 तक बाजार भाव पर मिला करेगी परन्तु उनकी सब्सिडी बैंक खातों में जमा करा दी जायेगी. इसके बाद 15.05.2015 से रसोई गैस बाजार भाव पर ही मिलेगी तथा जिन्होंने अपने रसोई गैस कनेक्शन को बैंक खातों से जुड़वाया है उन्हें ही उनके खातों के माध्यम से सब्सिडी मिला करेगी.

अब स्पष्ट है कि सभी उपभोक्ताओं को अपने रसोई गैस कनेक्शन को ‘पहल’ DBTL स्कीम से 14.05.2015 तक जोड़वा लेना पड़ेगा.

कहने का तात्पर्य यह है कि छत्तीसगढ़ के 8 लाख से भी ज्यादा इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के रसोई गैस कनेक्शनों को इस तारीख से पहले ‘पहल’ DBTL के साथ जोड़ना पड़ेगा जो दूभर नहीं तो कठिन तो है ही.

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर से लेकर धमतरी तक का हाल यह है कि रसोई गैस के उपभोक्ताओं को एक बार अपने रसोई गैस वितरक के पास जाकर फॉर्म लाना पड़ता है फिर उसे भर कर बैंक में जमा करवाना पड़ता है. इसके बाद बैंक से मिली पावती के साथ एक और फॉर्म भरकर अपने वितरक के पास जमा कराना पड़ता है. जिनके पास आधार कार्ड नहीं है उनके लिये अलग तरह के फॉर्म दिये जा रहें हैं. कुछ लोगों को तो समझ में ही नहीं आ रहा है कि पहले आधार कार्ड बनवाये या फॉर्म भरे या बैंक खाता खोले. कुल मिलाकर मामला अफरा-तफरी भरा है जिसमें रसोई गैस उपभोक्ता हलाकान हुए जा रहें हैं.

कई स्थानों पर तो इस पुनीत कार्य को करवाने के लिये स्वंयभू सेवक तैनात मिल रहें हैं जो इस काम को आसान करा देते हैं.

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