छत्तीसगढ़: नान में 100 cr का घोटाला
रायपुर | समाचार डेस्क: कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य में चना खरीद में 100 करोड़ रुपयों का घोटाला हुआ है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व छत्तीसगढ़ प्रभारी मोहम्मद अकबर ने छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में राशन दुकानों से बांटने के लिए हो रही चना खरीदी में लगभग 100 करोड़ रुपये के घपले का आरोप लगाया है. अकबर का दावा है कि नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने निविदा में जानबूझकर ऐसी शर्तें जोड़ी हैं कि प्रदायकर्ता रिंग बनाकर अपनी मनचाही दर भर सके.
उन्होंने बताया कि नान द्वारा 5.85 लाख क्विंटल चना खरीदी के लिए निविदा निकाली गई है. यह निविदा बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, धमतरी, बालोद, गरियाबंद व राजनांदगांव जिले में चना खरीदी के लिए आमंत्रित की गई है.
निविदा 14 मार्च को शाम 5 बजे तक ऑनलाइन जमा की जानी थी. चना खरीदी के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 3425 रुपये प्रति क्विंटल को आधार बनाने के बजाय जानबूझकर ऐसी शर्तें रखी गई हैं, जिसे प्रदायकर्ता अपनी मनचाही दर पर चना प्रदाय कर सके.
इसका नतीजा यह हुआ कि अब रायपुर, दुर्ग एवं बस्तर संभाग में 5175 रुपये प्रति क्विंटल, सरगुजा संभाग में 5038 रुपये प्रति क्विंटल, और बिलासपुर दुर्ग संभाग में 5004 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा.
अकबर ने कहा कि सरकार समर्थन मूल्य में किसानों से चना खरीदी करती तो किसानों को लाभ होता, लेकिन सरकार की प्राथमिकता व्यापारी है. इस कारण जो 5.85 लाख क्विंटल चना 200.44 करोड़ रुपये में खरीदा जाता, अब 98.14 करोड़ रुपये अधिक यानी 298.58 करोड़ रुपये में खरीदा जाएगा. इस कारण शासन को लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.
निविदा के शर्तों की कंडिका 33 के अनुसार, निविदा को बिना कारण बताए निरस्त करने का पूरा अधिकार प्रबंध संचालक के पास सुरक्षित रहेगा, जो अवैधानिक एवं नियम विरुद्ध है. क्योंकि जिस निविदा को स्वीकृत करने का अधिकार प्रबंध संचालक को अकेले नहीं है, उसे वे निरस्त भी नहीं कर सकते. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत भी हैं.
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