कलारचना

विदेशी मेम से नत्था का इश्क

संवाददाता | मुंबई: पीपली लाइव के नत्था याद हैं आपको? छत्तीसगढ़ के नत्था यानी ओंकारदास मानिकपुरी जल्दी ही विदेशी मेम के साथ इश्क फरमाते नज़र आएंगे. अपनी नई फिल्म ‘मुन्ना मांगे मेमसाब’ में ओंकारदास मानिकपुरी एक बार फिर से बड़े परदे पर नज़र आएंगे.

पीपली लाइव के बाद ओंकारदास मानिकपुरी ने छत्तीसगढ़ी की फिल्मों समेत कुल 3 और फिल्में कीं. लेकिन उनका कहना है कि नाटकों में जो मज़ा आता था, वह मज़ा फिल्मों में नहीं आता. नाटक में दर्शक तुरंत आपको अपनी प्रतिक्रिया दे देता है. हालांकि ओंकारदास मानिकपुरी का कहना है कि नाटकों की तुलना में फिल्मों में कहीं अधिक पैसा मिलता है और उसके दर्शकों की व्यापकता भी है. ऐसे में फिल्म का अपना महत्व है और नाटकों का अपना.

ओंकारदास मानिकपुरी आम आदमी पार्टी के लिये छत्तीसगढ़ में प्रचार करने की तैयारी में भी थे लेकिन फिल्मों की व्यस्तता के कारण प्रचार-प्रसार का काम संभव नहीं हो सका. ओंकारदास मानिकपुरी का कहना है कि वे एक कलाकार हैं और बतौर कलाकार वे समाज को रचनात्मक सहयोग कर रहे हैं. अगर ज़रुरत हुई तो राजनीति से कोई बैर नहीं है.

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