छत्तीसगढ़

RSBY आकड़ों का खेल

रायपुर | विशेष संवाददाता: आंकड़ों के खेल में माहिर छत्तीसगढ़ अब स्वास्थ्य बीमा के आंकड़ों में खेल रहा है. केन्द्र सरकार के दावे की मानें तो छत्तीसगढ़ में अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में अभी तक 59.16% परिवार निबंधित हुये हैं, वहीं राज्य सरकार के अधिकारियों का दावा है कि छत्तीसगढ़ में RSBY याने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 89.3 प्रतिशत परिवारों का पंजीयन हो चुका है. छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के दावों के अनुसार, “…..राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से काफी आगे चल रहा है. इस योजना के तहत राज्य में 89.3 प्रतिशत लक्षित परिवारों के कार्ड बन चुके हैं, जबकि राष्ट्रीय औसत 54 प्रतिशत है, वहीं यह औसत केरल में 84 प्रतिशत, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में 72 प्रतिशत, ओड़िशा में 65 प्रतिशत, बिहार में 54 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 49 प्रतिशत है.” उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शुक्रवार मंत्रालय में स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा की. जिसमें उन्हें यह जानकारी दी गई.

छत्तीसगढ़ सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया है, “अधिकारियों ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत कुल 37 लाख 24 हजार 248 परिवारो के पंजीयन के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 33 लाख 27 हजार 142 परिवारों के स्वास्थ्य बीमा से संबंधित स्मार्ट कार्ड बनाए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शेष तीन लाख 97 हजार 106 परिवारों का पंजीयन जल्द करवाने और उनका कार्ड जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए.”

इसके उलट केन्द्र सरकार के आकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 64 लाख 18 हजार 545 बीपीएल परिवार हैं जिनमें से 37 लाख 97 हजार 574 परिवारों का पंजीयन हो चुका है. इस तरह से छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 59.16 फीसदी परिवारों का ही पंजीयन हो पाया है.

गौरतलब है कि आरएसबीवाय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रहने वाले परिवारों को स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कवरेज प्रदान करने हेतु आरंभ की गई है. आरएसबीवाय का उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य आघातों से उत्‍पन्‍न वित्तीय देयताओं से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को सुरक्षा प्रदान करना है, जिसमें अस्‍पताल में भर्ती करना शामिल है. इसके तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष पारिवारिक फ्लोटर आधार पर कुल बीमा राशि 30,000/- रुपए होगी.

केन्द्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार छत्तीसगढ़ के बालोद में 201227 बीपीएल परिवार हैं जिनमें से 154183 का पंजीयन हो चुका है. इसी तरह से बलौदाबाजार में 305157 में से 164495, बलरामपुर में 182444 में से 115067, बस्तर में 204068 में से 111571, बेमेतरा में 174299 में से 110762, बीजापुर में 67509 में से 30305, बिलासपुर में 557475 में से 263511, दंतेवाड़ा में 70595 में से 43917, धमतरी में 94048 में से 127345, दुर्ग में 446184 में से 214375, गरियाबंद में 149061 में से 85904, जांजगीर-चांपा में 449476 में से 313095 तथा जशपुर में 209251 बीपीएल परिवारों में से 160031 परिवारों का पंजीयन हो चुका है.

इसी तरह से कांकेर में 203943 बीपीएल परिवारों में से 115688 परिवारों का, कवर्धा में 196097 में से 118683, कोंडागांव में 144248 में से 86258, कोरबा में 281472 में से 184516, कोरिया में 185775 में से 113947, महासमुंद में 298664 में से 200217, मुंगेली में 168354 में से 92638, नारायणपुर में 36099 में से 16223, रायगढ़ में 396410 में से 218536, रायपुर में 438579 में से 249226, राजनांदगांव में 366548 में से 209883, सुकमा में 57544 में से 18602, सूरजपुर में 199023 में से 133065 तथा सरगुजा में 234995 में से 145531 परिवारों का पंजीयन हो चुका है.

कुल 6418545 7बीपीएल परिवारों में से 3797574 परिवारों का राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पंजीयन हुआ है. जाहिर है कि केन्द्र सरकार की माने तो छत्तीसगढ़ में अभी भी 26 लाख 20 हजार 971 परिवारों का पंजीयन होना बाकी है. जबकि छत्तीसगढ़ के अधिकारियों का दावा है कि मात्र 3 लाख 97 हजार 106 परिवारों का पंजीयन बाकी है. आकड़े हैं आकड़ों का क्या.

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