कोरबाबिलासपुर

बीमार एम्बुलेंस के सहारे मरीज

कोरबा | अब्दुल असलम: छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नगरी कोरबा में एम्बुलेंस सेवा का बुरा हाल है. जिला अस्पताल सहित सभी पांचों विकासखंड में बीमार एम्बुलेंस के भरोसे मरीज हैं. वर्तमान में 12 एम्बुलेंस वाहन सड़कों पर दौड़ रही है, लेकिन उन्हें भी मरम्मत की जरूरत है. कभी भी यह वाहनें खराब हो सकती है. इसके अलावा 10 एम्बुलेंस वाहन मरम्मत के इंतजार में गैराज की शोभा बढ़ा रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला अस्पताल में चार एम्बुलेंस चल रही है. जिन्हें मरम्मत की जरूरत है. जिला मुख्यालय में एक वाहन मरीजों को लाने ले जाने का काम कर रही है. वहीं सात वाहन खड़ी हुई है. इसके अलावा पोड़ी उपरोड़ा में दो एम्बुलेंस चल रहे हैं. कटघोरा में एक एम्बुलेंस चल रही है, वहीं एक बिगड़ी हुई है. पाली में एक चल रही है दो खड़ी है. करतला में तीनों एम्बुलेंस चलती हालत में है. कंडम एम्बुलेंस के कारण अस्पताल से रिफर होने पर मरीजों को निजी एम्बुलेंस की महंगी सेवा लेनी पड़ रही है. मरीजों को तमाम सुविधा देने का ढिंढोरा पिटने वाले स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल को तो आईएसओ सर्टिफाइट करा लिया है लेकिन यहां की व्यवस्था अभी भी बदहाल है. बाहरी चकाचौंध के बीच यहां के मरीज आवश्यक सुविधाओं के लिए भटकते नजर आते हैं ऐसी ही एक सुविधा एम्बुलेंस की है. कहने को तो जिला अस्पताल के पास कई एम्बुलेंस वाहन है, लेकिन एकाध ही सड़कों पर दौड़ रही है, बांकी सभी एम्बुलेंस बिगड़े पड़े हैं. इसके सुधार के लिए कोई कवायद नहीं की जा रही है.

जीवन दीप समिति के पास लाखों का फंड
जीवन दीप समिति के पास फंड की कोई कमी नहीं है. जीवन दीप समिति के पास एक साल में पंजीयन के 18 से 20 लाख रुपए आते हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जीवन दीप समिति को 25 से 30 लाख रुपये प्राप्त होती है. इसके बाद भी कंडम वाहनों को मेन्टेनेंस नहीं कराया जा रहा है.

नहीं मिलता पेट्रोल
वर्तमान में जो एम्बुलेंस वाहन सड़कों पर दौड़ रही है उन्हें नियमित तौर पर पेट्रोल डीजल का फंड प्रदान नहीं किया जाता जिसके कारण अधिकांश एम्बुलेंस ईंधन के अभाव में जिला अस्पताल परिसर में खड़े रहते हैं. कई वाहनों में स्थाई चालक की सुविधा नहीं है. इसके बावजूद भी स्थायी चालकों की भर्ती नहीं की जा रही है.

इस मामले में सीएमएचओ डॉ. पीआर कुंभकार का कहना है की कंडम वाहनों के मरम्मत के लिए मुख्यालय को पत्र प्रेषित किया गया है. हमें अभी वाहनों के मरम्मत की अनुमति नहीं है, जैसे ही अनुमति प्राप्त होगी वाहनों के मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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