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मोबाइल से 50 लाख लोग परेशान

रायपुर | संवादताता: छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के करीब 50 लाख मोबाईल फोन उपभोक्ताओं ने परेशान होकर अपनी सेवा प्रदाता कंपनी को बदलने का निर्णय लिया है. अधिकांश उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उनकी सेवादाता कंपनी मनमाने तरीके से बिल देती है और कंपनी का सिग्नल भी कई जगहों पर नहीं मिलता.

ट्राई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जब से मोबाईल फोन सेवा प्रदाता कंपनी को बदलने का अवसर मिला है तब से छत्तीसगढ़ एवं मप्र के करीब 50 लाख उपभोक्ताओं ने इसके लिये आवेदन किया है. भारत में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा 20 जनवरी 2011 को शुरु की गई है. इस सेवा के तहत किसी भी मोबाइल नम्बर के सेवा प्रदाता कम्पनी को वांछित क्षेत्र में कार्यरत किसी अन्य सेवा प्रदाता कम्पनी के साथ बदला जा सकता है. उपभोक्ता चाहे तो 90 दिन के भीतर फिर से अपनी सेवा प्रदाता कंपनी को बदल सकता है.

ट्राई के अनुसार पूरे देश से करीब 8 करोड़ 40 लाख अर्जिया प्राप्त हुई हैं. इसमें छग-मप्र सर्किल का स्थान आठवां है. एक तरफ उपभोक्ता परेशान हैं दूसरी तरफ एयरटेल, आइडिया तथा वोडाफोन लोगों को रिझाने में लगे हुए हैं. हालांकि ग्रामीण इलाकों में अभी भी सरकारी मोबाइल यानी बीएसएनएल आज भी पहली पसंद बना हुआ है. खास तौर पर जो पुराने ग्राहक बीएसएनएल का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनमें बीएसएनएल को बदलने वालों की संख्या कम ही है.

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