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भाजपा ने शासन का एजेंडा बदला : जेटली

भोपाल | एजेंसी: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने देश में शासन का एजेंडा बदल दिया है, अब सभी दलों के कार्यकर्ताओं की भाषा और शैली बदल गई है और सभी विकास के आंकडों को महत्व देने लगे हैं.

मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने आए जेटली ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि 2003 में इस प्रदेश की पहचान बीमारु राज्य के तौर पर हुआ करती थी, भाजपा ने दो चुनाव में जीत हासिल कर राज्य की तस्वीर बदलने का काम किया है. पहली जीत के बाद विकास और सुशासन की राजनीति की शुरुआत की गई, जिसे दूसरी जीत के बाद आगे बढ़ाया गया.

उन्होंने आगे कहा कि देश में मध्य प्रदेश बदलाव की कहानी कहता है. यह कहानी बताती है कि यह राज्य कैसे बीमारु राज्य से बाहर निकला, विकास दर दहाई के आंकड़े पर पहुंची और खाद्यान्न उत्पादन के मामले में यह पंजाब से प्रतिस्पर्धा कर रहा है. राज्य में परिवर्तन साफ नजर आता है.

जेटली ने कांग्रेस के शासनकाल की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2003 में राज्य की शासन शैली के कारण ‘श्रीमान बंटाधार’ शब्द का इस्तेमाल किया जाने लगा था. यह शैली एक विचार है जो कांग्रेस का वाहक बन चुका है. वहीं भाजपा के पास उसकी सरकार की उपलब्धियां और राज्य में शिवराज जैसा नेतृत्वकर्ता है. कांग्रेस के पास कुछ नहीं है. जेटली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा संरचनात्मक पार्टी है वहीं कांग्रेस परिवारवाद पर चलती है.

वहीं जेटली से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषणा पत्र के अनुसार किसानों को 50,000 रुपये तक की कर्ज माफी का वादा पूरा न किए जाने और 2013 के घोषणा पत्र में इस वादे को न दोहराए जाने का भी सवाल पूछा गया. लेकिन वह इसके जवाब में कुछ नहीं कह पाए. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने हालांकि, यह कह कर जरूर सफाई देने की कोशिश की, कि बाद में इस वादे को वापस ले लिया गया था, लेकिन किसानों को सरकार ने गेहूं एवं अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 150 रुपये बोनस दिया था.

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