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सरकार ने वापस लिया भू-राजस्व संशोधन विधेयक

रायपुर। संवादताता: आदिवासी समाज के घोर विरोध के बाद राज्य सरकार ने भू-राजस्व संहिता में संशोधन करने का फैसला वापस ले लिया है. सर्व आदिवासी समाज ने संशोधन विधेयक के विरोध में नाराजगी जताई थी.
साथ ही, निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया था. इस संशोधन विधेयक का खुद सरकार के कुछ आिदवासी नेता विरोध कर रहे थे.
इनमें नंदकुमार साय भी शामिल थे. वे खुद कह चुके थे, कि जल्द ही इस मामले में सरकार को नोटिस भेजेंगे. राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष रामविचार नेताम ने विधेयक को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. उधर कांग्रेस भी इस मामले में तीखा विरोद दर्ज करा चुकी थी. नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा था कि कांग्रेस की ओर से विधेयक का विरोध किया जाएगा. भूपेश बघेल ने राज्यपाल को खत लिखकर विधेयक पर हस्ताक्षर न करने के लिए कहा था।
आखिरकार यह मुद्दा भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल की बैठक में उठा. अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धनाथ पैकरा ने संगठन के समक्ष पूरी बात रखी. आखिरकार गुरुवार को जब मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में उनके निवास पर कैबिनेट की बैठक हुई तो संशोधन वापस लेने का निर्णय लिया गया.
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने सरकार के इस फैसले को समाज की जीत बताया है. उन्होंने कहा कि सामाजिक एकता के दम पर ही यह संभव हो सका है. इसके लिए उन्होंने समाज के सभी लोगों को बधाई दी है.

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