भूकंप: बिहार ने भेजे 32 हजार खाने के पैकेट
पटना | समाचार डेस्क: बिहार से बुधवार को 32 हजार खाने के पैकेट और कंबल नेपाल भेजा गया. इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि भूकंप पीड़ितों को पूरी क्षमता के अनुसार और हरसंभव मदद किया जाएगा. बिहार के भूकंप पीड़ितों को राहत सामग्री बांटने के साथ ही राज्य सरकार ने नेपाल में फंसे बिहार के लोगों को वापस लाने की मुहिम तेज कर दी है. रक्सौल और सीतामढ़ी से राहत शिविरों का जायजा लेकर पटना लौटे मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्डे पर कहा, “बेहतर तरीके से राहत पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है जितना संभव होगा, नेपाल के पीड़ितों को मदद पहुंचाएंगे”.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना, बेतिया और सीतामढ़ी में राहत सामग्री की पैकेजिंग कराई जा रही है. प्रतिदिन पन्द्रह हजार पैकेट बनाए जा रहे हैं और इसे नेपाल भेजा जा रहा है. हर पैकेट में दो किलो चूड़ा, ढाई सौ ग्राम चीनी, नमक, एक बोतल पानी पैक किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि टेट्रा पैक दूध और मिल्क पाउडर भी भेजे जाएंगे. कम्बल, चादर एवं अन्य राहत सामग्रियों की व्यवस्था की जा रही है.
इधर, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बुधवार को बताया कि नेपाल में भूकंप पीड़ितों को लगातार राहत सामग्री भेजी जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन बिहार से खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष के अनुसार, पटना से बुधवार को 27,500 खाने के पैकेट और करीब 5,000 कंबल नेपाल भेजा गया. वहीं मुजफ्फरपुर से 5,000 खाने पैकेट और 1,000 कंबल नेपाल भेजे गए.
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक सोमवार से नेपाल में भूकंप पीड़ितों के लिए खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में पूर्वी चंपारण से जहां 20 हजार खाने के पैकेट, 4000 पानी बोतल नेपाल भेजे गए वहीं पश्चिम चंपारण से 10 हजार खाने के पैकेट और 10 हजार बोतल पानी भेजा जा चुका है.
इसके अतिरिक्त गया से 18 हजार बिस्किट के पैकेट, 9000 मैगी के पॉकेट, 3000 बोतल पीने के पानी और 400 कंबल नेपाल भेजा जा चुका है.
इस बीच भूकंप के बाद नेपाल में फंसे लोगों का लौटना जारी है. बुधवार को करीब 2000 लोग नेपाल-बिहार सीमा पर बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचे, जिन्हें आवश्यक सुविधा मुहैया कराकर गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया है.