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दवा खरीद घोटाले में अधिकारी निलंबित

पटना | एजेंसी: बिहार सरकार ने दो करोड़ रुपये के दवा खरीद घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए चार स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. यह जानकारी एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने रविवार को यहां दी.

सरकार ने चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी अनुशंसा की है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कहा, “मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आदेश के बाद राज्य सरकार ने शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. करोड़ों रुपये मूल्य की दवाइयां खरीदने में हुई अनियमितता की जांच से संबंधित एक रपट शनिवार को सौंपी गई थी.”

जांच रपट में कहा गया है कि बिहार चिकित्सा सेवा अधोसंरचना निगम लिमिटेड ने राज्य हेल्थ सोसायटी द्वारा तय दर से अधिक दर पर 14.48 करोड़ रुपये की दवाइयां खरीदी गईं.

रपट में कहा गया है कि इसके अलावा बीएमएसआईसीएल ने मेडिपोल और लैबोरेट से 19.60 करोड़ रुपये की दवाइयां खरीदी. ये कंपनियां अन्य राज्यों में काली सूची में शामिल हैं.

दीपक कुमार ने कहा कि निलंबित अधिकारियों में स्वास्थ्य सेवा के मुख्य निदेशक सुरेंद्र प्रसाद, बीएमएसआईसीएल के प्रबंध निदेशक प्रवीण किशोर, राज्य दवा नियंत्रक हेमंत कुमार सिन्हा और पटना मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पीटल के पूर्व उपाधीक्षक बिमल करक शामिल हैं.

राज्य सरकार ने बीएमएसआईसीएल के महाप्रबंधक त्रिपुरारी कुमार को निलंबित कर दिया है.

राज्य सरकार ने इसके अलावा तत्कालीन संयुक्त स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार और उपनिदेशक ओम प्रकाश पाठक को निलंबित करने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है और राज्य स्वास्थ्य सोसायटी में तत्कालीन सहायक निदेशक डी.के. रमन के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है.

सरकार ने भागलपुर में स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हास्पीटल के अधीक्षक रामचरित मंडल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

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