भूपेश के ज़मीन घोटाले से गरमाई राजनीति
रायपुर | संवाददाता : भूपेश बघेल के परिवार पर ईओडब्ल्यू के एफआईआर से राजनीति गरमा गई है.छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और विधायक भूपेश बघेल के पिता और पत्नी के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने जिस तेज़ी के साथ एफआईआर दर्ज की है, उससे राजनीतिक दलों में बेचैनी है. कांग्रेस तो कांग्रेस, भाजपा का भी एक वर्ग कह रहा है कि सरकार को इस कदम से बचना चाहिये था. दूसरे राजनाीतिक दलों से भई अंदरखाने की खबरें कह रही हैं कि राज्य सरकार को यह दांव उलटा पड़ेगा.
आरोप है कि भिलाई-3 में साडा की मानसरोवर आवासीय योजना में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की जमीन पर मकान बनाने की कथित शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई थी. शासन स्तर पर रिपोर्ट आने के बाद भूपेश बघेल, उनकी मां बिंदेश्वरी बघेल और पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल के खिलाफ एफआईआर किया गया है.
भूपेश बघेल पहले ही कह चुके हैं कि अजीत जोगी के कहने पर उनके मित्र मुख्यमंत्री रमन सिंह ने यह मामला दर्ज किया है. भूपेश बघेल का कहना है कि सरकार ने उनकी मां और पत्नी को फंसाकर व्यक्तिगत लड़ाई छेड़ दी है, तो अब व्यक्तिगत लड़ाई के लिए कांग्रेस भी तैयार है.
भूपेस बघेल ने कहा कि रमन सिंह और उनके अभिन्न् मित्र अजीत प्रमोद जोगी ने एक-दूसरे की मदद की है. जोगी के पास कोई मुद्दा नहीं है और मुख्यमंत्री कांग्रेस के कमीशनखोरी वाले आंदोलन से घबराए हुए हैं. अभी तक कांग्रेस ने मुख्यमंत्री, उनके मंत्रियों और भाजपा नेताओं पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए.
पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि साडा के जिस प्लॉट को खरीदा है, वह आदिवासी और निम्न आय वर्ग की नहीं है. संचालक मंडल में प्रस्ताव पास किया गया और निर्धारित राशि जमा कराई गई है और इस मामले की पूरी जांच हो चुकी है. उसके बाद भी इस मामले में उनके परिजनों के खिलाफा मामला दर्ज किया जाना बताता है कि सरकार किस स्तर की राजनीति पर उतर आई है.
भूपेश बघेल ने कहा कि अब तक वे व्यक्तिगत आरोपों से बचते रहे हैं लेकिन अब मुख्यमंत्री ने इसकी शुरुवात कर दी है और वे भी अब इसी तरीके से जवाब देंगे. रमन सिंह के खिलाफ बैंक के नार्को टेस्ट का मामला, पनामा पेपर्स, नान घोटाला जैसे मामले में उनकी और उनके परिजनों की संलिप्तता का व्यक्तिगत स्तर पर जवाब दिया जायेगा.
इधर भाजपा के कुछ नेताओं ने भी माना है कि सरकार का यह कदम ठीक नहीं है और उन्होंने ऐसा करके भूपेश बघेल को शहीद बनाने की कोशिश की है. कुछ नेताओं ने कहा कि भूपेश बघेल पर व्यक्तिगत प्रहार करने से सरकार को बचना चाहिये था.
भाजपा नेताओं का कहना है कि जो लोग कई अवसरों पर भूपेश बघेल को रमन सिंह के प्रति सॉफ्ट कार्नर रखने का आरोप लगाते थे, इस मामले के बाद वे भी भूपेश बघेल के साथ खड़े हो सकते हैं. भाजपा नेताओं के कहना है कि ऐसा होने से राजनीतिक लाभ भी कांग्रेस पार्टी को ही होगा.