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विकास विनाश न बने: शिवराज

भोपाल | एजेंसी: भोपाल गैस पीड़ितो ने 30वीं बरसी पर प्रदर्शन करते हुए कहा दूसरा भोपाल गैस कांड न होने दें. इसी के साथ सवाल उठाया गया कि गैस पीड़ितों के मुद्दे बड़े हैं या निवेशक महत्वपूर्ण हैं? वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्य़मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोई दूसरा शहर भोपाल न बने. उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए गैस हादसे की 30वीं बरसी पर बुधवार को को विभिन्न संगठनों के बैनर तले गैस पीड़ितों ने अपने गुस्से का इजहार कर अपने हक की लड़ाई जारी रखने का संकल्प दोहराया. बरसी पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा व शोक सभा का आयोजन हुआ. इस दौरान लोगों ने पुतले फूंके, यूनियन कार्बाइड व डाओ केमिकल के प्रतीकों पर आक्रोश जताया और उन्हें आग के हवाले कर दिया.

भोपाल गैस हादसे की 30वीं बरसी पर पांच संगठनों भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन, डाओ केमिकल के खिलाफ बच्चे, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा तथा भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा ने संयुक्त रुप से रैली निकाली, जो यूनियन कार्बाइड संयंत्र के सामने पहुंची.

यूनियन कार्बाइड के सामने जमा पीड़ितों ने यूनियन कार्बाइड और डाओ केमिकल के प्रतीकों पर थूककर और जूते चप्पल चलाकर अपने गुस्से का इजहार किया. इतना ही नहीं, बाद में इन प्रतीकों को आग के हवाले कर दिया गया.

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एण्ड एक्शन के सदस्य सतीनाथ शडंगी ने कहा, “इस हादसे के बाद हालात सुधारने के लिए कुछ नहीं किया गया. यही कारण है कि 1984 के बाद हुए हादसे का असर आज भी देखा जा सकता है. यहां के लोगों की जिंदगी खतरे में है. यूनियन कार्बाइड और डाओ केमिकल को भारत व अमरीकी सरकारों का संरक्षण मिल रहा है.”

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने शहजहांनी पार्क में शोकसभा का आयोजन किया. इस आयोजन में विभिन्न जनवादी संगठनों ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने सरकारों के रवैए पर दुख जाहिर किया और कहा, “सरकारों ने पीड़ितों को सिर्फ छला है. पीड़ित आज स्वास्थ्य, मुआवजा आदि के लिए सरकार की तरफ देख रहे हैं, मगर उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया में यह संदेश देने की कोशिश में लगे हैं कि निवेशक यहां कितना भी बड़ा अपराध कर जाएं, उन्हें कोई सजा नहीं मिलेगी.”

इसी तरह भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति की अगुवाई में गैस पीड़ितों ने यूनियन कार्बाइड के सामने केंद्र सरकार की आर्थिक व पर्यावरण नीति का पुतला फूंका और एक जनसभा कर सरकारों के रवैए को कोसा. इस मौके पर समिति की संयोजक साधना कार्णिक ने कहा कि सरकारों के लिए गैस पीड़ितों का दर्द कोई मुद्दा नहीं है. उनके लिए तो विदेशी निवेशक ज्यादा महत्वपूर्ण है.

सेंटल लाइब्रेरी में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों को श्रद्घांजलि देते हुए कहा कि अब यही कोशिश होनी चाहिए कि विकास विनाश न बन जाए और कोई दूसरा शहर भोपाल न बने.

शिवराज ने कहा, “दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को याद कर आत्मा सिहर उठती है. जो लोग उस रात को भविष्य का सपना लेकर सोए थे, वे जागे नहीं. यूनियन कार्बाइड से रिसी जहरीली गैस ने हजारों लोगों को मौत और इतनों को ही बीमारियां दी हैं. सरकार की ओर से जहां बीमारों को इलाज की सुविधा दी जा रही है, वहीं पुनर्वास के प्रयास जारी है.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “आज यह सोचने का दिन है कि विकास किस कीमत पर और किसके लिए है. विकास विनाश न बने, इसके लिए विकास व पर्यावरण में संतुलन जरूरी है. हमें संकल्प लेना चाहिए कि अब देश, दुनिया में दूसरा भोपाल नहीं बनने देंगे.”

भोपाल के बरकतउल्लाह भवन सेंट्रल लाइब्रेरी में हुए सर्वधर्म प्रार्थना सभा के दौरान विभिन्न धर्म ग्रंथों का पाठ किया गया और उपस्थित लोगों ने दिवंगत गैस पड़ितों को श्रद्घांजलि अर्पित की.

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