छत्तीसगढ़

बीएसपी गैस हादसा: 2 अफसरों को सजा

भिलाई | संवाददाता: बीएसपी गैस हादसे में अदालत ने दो अफसरों को सजा सुनाई है. भिलाई स्टील प्लांट में 12 जून 2014 को गैस रिसाव हुआ था जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी तथा 40 से ज्यादा कर्मचारी घायल हुये थे. दुर्ग श्रम न्यायालय ने इस हादसे के लिये जिम्मेदार मानते हुये पूर्व महाप्रबंधक पीके तेलंग तथा पूर्व ईडी वाईके डेगन को सजा सुनाई है.

अदालत ने पूर्व महाप्रबंधक पीके तेलंग को 1 साल 3 माह की सजा एवं 3 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. इसी तरह से अदालत ने पूर्व ईडी वाईके डेगन को 1 साल 9 माह की सजा एवं 4 लाख रुपये का अर्थदंड सुनाया है.

भिलाई गैस हादसे की जांच की अगुवाई श्रमायुक्त व श्रमसचिव ने की थी. इस जांच टीम ने तेलंग तथा डेगन को जिम्मेदार मानते हुये श्रम न्यायालय में अभियोग पत्र दायर किया था.

न्यायाधीश एसएल मात्रे ने भिलाई स्टील प्लांट के सीईओ को आदेश दिया है कि वह ईडी की अध्यक्षता में एक टीम बनाकर संभावित खतरा को चिन्हित करें. पुरानी पाइप लाइन, मशीनरी के कलपुर्जें बदले जायें. कार्य स्थल को जोखिम रहित रखने की व्यवस्था करें. उन्होंने यह कार्य 6 महीनों के अंदर करने को कहा. इसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में देना है.

भिलाई स्टील प्लांट के पूर्व ईडी वर्क्स और घटना के आरोपी वायके डेगन ने कहा कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. फैसले को अपर कोर्ट में चुनौती दी जायेगी.

उल्लेखनीय है कि 12 जून 2014 की शाम भिलाई स्टील प्लांट की फर्नेस नंबर एक और दो में पाइपलाइन फटी, जिसके बाद यह हादसा हुआ और संयंत्र में तेज़ी से मीथेन कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस का रिसाव शुरु हो गया. जिससे 6 अधिकारी-कर्मचारियों की मौत हो गई तथा 40 से ज्यादा घायल हो गये थे. मरने वालों में भिलाई स्टील प्लांट के दो उप महाप्रबंधक बीके सिंह और एन केकटारिया भी थे.

गैस रिसाव हादसे के बाद मृतकों के खून को रायपुर स्थित फोरेंसिक लैब भेजा गया था. फोरेंसिक लैब में जांच से पता चला था कि मृत सभी 6 लोगों के खून में 80 फीसदी कार्बन मोनो ऑक्साइड थी इनकी मौत का कारण बनी.

दरअसल, भिलाई स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस नंबर 2 में पाइप से जहरीली गैस का रिसाव पहले से ही हो रहा था. जिसे सुधारने का काम जारी था तथा इसी के निरीक्षण करने के लिये डीजीएम तथा एजीएम स्तर के अधिकारी 12 जून को वहां पहुंचे थे.

हैरत की बात यह है कि जब वहां पर रह रहे कबूतर मर कर गिरे तब जाकर पता चल पाया कि जहरीली गैस का रिसाव तेजी से हो रहा है. इसके बाद ही अधिकारी तथा कई कर्मचारी गिरने लगे थे.

गौरतलब है कि इस जहरीली गैस के गंधहीन तथा रंगहीन होने के कारण इसकी जानकारी तभी मिल पाई जब मौत के साये की परछाई वहां पर पड़ी.

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