बेनीवाल की बर्खास्तगी से गलत संदेश: सपा
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: कमला बेनीवाल की बर्खास्तगी से दिल्ली के राजनीतिक गलियारे की हवा गर्म हो गई है. कांग्रेस के साथ गुरुवार को अन्य पार्टियों ने सुर मिलाकर उसका विरोध किया है. कांग्रेस के साथ बेनीवाल के बर्खास्तगी का विरोध करने वालों में गुरुवार को एनसीपी तथी सपा भी शामिल हो गई है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, “यदि वे बेनीवाल को हटाना चाहते थे, तो दो महीने इंतजार कर सकते थे, वे सेवानिवृत्त होने वाली थीं. उन्होंने जो किया वह एक गलत संदेश है.”
कांग्रेस और सहयोगी दलों ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम की निंदा की. कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्विटर पर लिखा, “यदि राज्यपाल कमला बेनीवाल को राज्यपाल के पद से हटाया ही जाना था तो कुछ दिनों पहले उन्हें गुजरात से मिजोरम क्यों स्थानांतरित किया गया. यह प्रतिशोध की राजनीति है.”
गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के समय राज्यपाल रहीं बेनीवाल को बीती छह जुलाई को मिजोरम स्थानांतरित किया गया था.
गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी के रिश्ते बेनीवाल के साथ तनावपूर्ण थे. भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सत्ता में आने के बाद उनका स्थानांतरण मिजोरम कर दिया गया था. बेनीवाल दो महीने बाद सेवानिवृत्त होने वाली थीं.
कांग्रेस के प्रवक्ता संजय झा ने ट्विटर पर लिखा, “मोदी सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के तहत बदले की भावना से प्रेरित होकर 87 वर्षीय राज्यपाल कमला बेनीवाल जैसे लोगों को बर्खास्त कर रही है, जिन्होंने उन पर सवाल उठाया है. यह बेहद शर्म की बात है.”
कांग्रेस के सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसला सुनाया था और यह उस फैसले का स्पष्ट उल्लंघन है. यह प्रतिशोध की राजनीति है. इससे ज्यादा दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि एक सरकार ने एक महिला राज्यपाल के विरुद्ध यह कदम उठाया.”
उधर संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि मिजोरम की राज्यपाल कमला बेनीवाल को पद से बर्खास्त करने का निर्णय पूरी तरह संवैधानिक है और इसमें कोई राजनीति नहीं है.
नायडू ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि बेनीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं, जिसे देखते हुए सरकार ने कार्रवाई की है. बेनीवाल की राज्यपाल के पद से बर्खास्तगी ने कांग्रेस को एक मुद्दा दे दिया है जाहिर है कि इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों की खिचड़ी फिर से पकने लगी है.