अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का स्कॉलर बना आतंकी
नई दिल्ली। डेस्क: एएमयू यानी अलीगढ़ मुस्लिम विवि का स्कॉलर मन्नान वानी आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है, इस बात की पुष्टि मुजाहिद्दीन प्रमुख सैय्यद सलाउद्दीन ने की है. उसने इस बारे में एक बयान जारी किया है कि हां मन्नान वानी हमारे साथ है, उर्दू में दिए गए बयान में सलाहुद्दीन ने कहा कि कई सालों से, शिक्षित और योग्य कश्मीरी युवा हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल हो रहे हैं ताकि इस आजादी के आंदोलन को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके. युवाओं का यह जज्बा काबिल-ए-तारीफ है. गौरतलब है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, यानी एएमयू के रिसर्च स्कॉलर मन्नान बशीर वानी की तस्वीर एके-47 राइफल के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिससे हड़कंप मच गया था और अंदेशा जताया जा रहा था कि वो आतंकी संगठन के साथ जुड़ गया है.
आपको बता दें कि फिलहाल अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एएमयू ने जियोलॉजी के पीएचडी छात्र मन्नान वानी को सस्पेंड कर दिया है. एएमयू ने ये फैसला मन्नान वानी के हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकी बनने की खबर के बाद किया है.
उसके बारे में जानने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में छापेमारी की गई, जहां से पता चला कि वानी काफी दिनों पहले ही हॉस्टल छोड़ चुका है, यही नहीं वहां से यह भी जानकारी मिली कि वानी का रूममेट मुजम्मिल हुसैन भी पिछले 5 महीने से लापता है.
मुजम्मिल हुसैन जम्मू-कश्मीर के बारामूला का रहने वाला है. छापेमारी के दौरान वानी के कमरे से कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं.
वो काफी दिनों से घर भी नहीं आया है और उसका फोन भी नहीं लग रहा है इसलिए उसके घरवालों ने उसके लापता होने की शिकायत भी दर्ज कराई थी.
मन्नान वानी के पिता का नाम बशीर अहमद वानी है और वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के ताकिपोरा गांव का रहने वाला है. मन्नान वानी पिछले पांच साल से एएमयू में पढ़ रहा था. वह एमफिल कर चुका था और अब वह जिऑलजी में पीएचडी कर रहा था. उसे एक मेधावी छात्र कहा जाता है, कश्मीर में जब बाढ़ ने तबाही मचाई थी तो उस पर वानी ने अपनी रिपोर्ट विवि में पेश की थी जिसके लिए उनसे पुरस्कार भी मिला था.