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अमरीका ने पाकिस्तान को चेताया

वाशिंगटन | एजेंसी: अमरीका ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के संगठनों को लेकर अपनी चिंताओं से पाक सरकार को अवगत करा दिया है. इससे एक दिन पहले अमरीका ने इसके अन्य संगठनों को प्रतिबंधित घोषित कर दिया था.

अमरीकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मैरी हार्फ ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि “तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों का खतरा नया नहीं है. यह सिर्फ पाकिस्तान के लिए खतरा नहीं है, यह अफगानिस्तान और भारत के लिए भी खतरा है और पूर्व में अमरीका के लिए भी खतरा रहा है.”

लश्कर से जुड़े संगठनों को प्रतिबंधित किए जाने के अमरीकी सरकार के कदम पर पाकिस्तान की ओर इस कथित प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर कि वह अमरीका के इस कदम पर इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं है, क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र की ओर से लगाया गया प्रतिबंध नहीं है, हार्फ ने कहा, “देखिये, हमने पाकिस्तान के साथ बेहद घनिष्ठता के साथ काम किया है.”

हार्फ ने यह भी बताया कि अमरीकी सरकार ने 23 मई को अफगानिस्तान के हेरात स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के संबंध में अपनी जानकारी भारत सरकार के साथ साझा की है.

उन्होंने कहा, “बेशक हमने लश्कर से जुड़ी अपनी चिंता स्पष्ट कर दी है. इसलिए हमने लश्कर तथा उससे उससे जुड़े गिरोहों को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया है और इसलिए हम उन्हें मिलने वाली आर्थिक मदद एवं अन्य सहायता को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.”

हार्फ ने कहा कि अमरीका ने लश्कर पर कई साल पहले ही प्रतिबंध लगा दिए थे और अब इससे संबद्ध गिरोहों पर भी प्रतिबंध लगाकर अमरीका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इनके जरिये लश्कर को मिलने वाली मदद पर भी रोक लगे, जिसका इस्तेमाल लश्कर अपनी गतिविधियों के लिए करता है.

कराची हवाईअड्डे पर हमले के बाद उत्तरी वजीरिस्तान में चलाए जा रहे सैन्य अभियान पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से पाकिस्तान के नेतृत्व में चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि अमरीका पाकिस्तान में आंतरिक सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के प्रयास में वहां की सरकार की सहायता करता आ रहा है, लेकिन मौजूदा सैन्य अभियान पूरी तरह से पाकिस्तान के नेतृत्व में चलाया जा रहा है.

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