अल कायदा से खतरा है
वाशिंगटन । एजेंसी: ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में मारे जाने के बाद भी अल कायदा का खतरा अभी भी बना हुआ है. ऐसा संयुक्त राष्ट्र संघ के सुरक्षा परिषद को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है. यह निष्कर्ष वर्तमान में अल कायदा के प्रमुख अल जवाहिरी की गतिविधियों के मद्देनजर निकाला गया है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अल कायदा और उससे संबंधित संगठनों में पहले की तुलना में अधिक मतभेद है. वे केवल एक कमजोर विचारधारा के माध्यम से एकजुट हैं और आतंकवादी हमलों के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ‘बंटा हुआ और कमजोर अलकायदा अभी समाप्त नहीं हुआ है. अलकायदा की कम होती क्षमताओं का मतलब यह नहीं है कि उसके हमलों का खतरा समाप्त हो गया है.’
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अल कायदा के नेता के रूप में ओसामा बिन लादेन का उत्तराधिकारी विभिन्न आतंकवादी गुटों को एकजुट करने के लिए संघर्ष कर रहा है लेकिन यह संगठन अब भी खतरा बना हुआ है.
विशेषज्ञों के समूह द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अलकायदा का प्रमुख अयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान में संगठन के मुख्य नेतृत्व को पुन: स्थापित करने में असफल रहा है लेकिन अलकायदा से संबंधित विभिन्न संगठन अब भी घातक हमले करने की क्षमता रखते हैं और वे नए निशानों को तलाश रहे हैं.
कुछ विशेषज्ञों का मानना हैं कि 11 सितम्बर 2001 को न्यूयॉर्क में हुए हमलों के पीछे अल जवाहिरी का ही दिमाग काम कर रहा था. अमेरिका ने वर्ष 2001 में जिन 22 सर्वाधिक वांछित चरमपंथियों की सूची जारी की थी उनमें ओसामा बिन लादेन के बाद जवाहिरी दूसरे नंबर पर थे.
पेशे से आँखों के डॉक्टर, मिस्र के ‘इस्लामिक जिहाद’ नाम के चरमपंथी संगठन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अयमन अल जवाहिरी को अल कायदा में ओसामा बिन लादेन का दाहिना हाथ कहा जाता था. लेकिन ओसामा बिन लादेन की मौत के पश्चात् अल जवाहिरी अल कायदा का प्रमुख बन गया है.