कृषि विकास से गांवों में समृद्धि: मनमोहन
नई दिल्ली | एजेंसी: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि बिना तीव्र कृषि विकास के भारत अपने गांवों को समृद्ध करने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता है.
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा, “हम उत्पादन बढ़ाने और किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास करते हैं. पिछले नौ वर्षो मंन विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्यों में काफी अधिक वृद्धि की गई है.”
उन्होंने कहा कि गेहूं और धान का समर्थन मूल्य करीब-करीब दोगुना हो गया है. कई राज्य जो पहले अनाजों की कमी से जूझ रहे थे अब अपनी जरूरत से अधिक अनाज पैदा कर रहे हैं.
भारत का अनाज उत्पादन 2011-12 में 25.9 करोड़ टन था. कृषि की औसत वार्षिक वृद्धि दर 11वीं योजना में 3.6 प्रतिशत थी. जो नौवीं और 10वीं योजना से अधिक है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हम ग्रामीण इलाकों में आर्थिक समृद्धि बढ़ने के साफ संकेत देखते हैं. 2004 से 2011 के बीच ग्रामीण प्रति व्यक्ति खपत पहले की तुलना में चार गुना तेजी से बढ़ी है. इस दौरान ग्रामीण मजदूरी भी तेजी से बढ़ी है.”