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छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ जवान ने की खुदकुशी

बीजापुर| संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली.

जवान पवन कुमार, हरियाणा का रहने वाला था.

छत्तीसगढ़ में पिछले दो महीने में आत्महत्या या आपसी झगड़े में 10 जवान जान दे चुके हैं.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जवान पवन कुमार सीआरपीएफ 199 बटालियन में पदस्थ था. वह सीआरपीएफ के बीजापुर के पातरपारा कैंप में रहता था.

शुक्रवार को कैप के अंदर ही मोर्चा नंबर-2 में वॉच टॉवर पर उसकी ड्यूटी थी.

इसी दौरान अचानक गोली की आवाज सुनकर उसके साथी वहां पहुंचे तो पवन खून से लथपथ पड़ा था.

साथियों ने उसे तत्काल मैरमगढ़ अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बताया गया कि जवान के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

पोस्टमार्टम के बाद जवान के पार्थिव शरीर को हरियाणा के रेवाड़ी स्थित उसके पैतृक गांव भेजा जाएगा.

छत्तीसगढ़ में दो महीने में 10 जवानों की मौत

छत्तीसगढ़ में पिछले दो महीने में 10 जवानों की मौत की घटना सामने आ चुकी है.

26 अगस्त को दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के प्राधान आरक्षक ने अपने सर्विस राइफल एकके-47 से अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

वे उत्तरराखंड के रहने वाले थे और 2000 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.

जवान का नाम विपिन्द्र चन्द्र था. वह सीआरपीएफ 195 बटालियन मुख्यालय बारसूर में पदस्थ थे.

इसी तरह 27 अगस्त को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में सशस्त्र सीमा बल के जवान ने अपने इंसास राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

जवान मनोज कुमार 28वीं बटालियन में पदस्थ थे. वह अंतागढ़ से जनरल ड्यूटी कर एसएसबी मुख्यालय भिलाई आये थे.

भिलाई में ड्यूटी के दौरान उन्होंने अपनी कनपटी पर गोली मार ली थी. मनोज हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के रहने वाले थे.

इन दोनों घटना के सप्ताह भर बाद 3 सितंबर को सशस्त्र सीमा बल के ही एक और जवान ने खुदकुशी कर ली.

उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी राकेश कुमार छत्तीसगढ़ के कांकेर में पदस्थ थे. उनकी ड्यूटी कोसरोंडा कैंप में लगी थी.

उसी दौरान उन्होंने अपनी सर्विस राइफल से सिर पर गोली मारकर जान दे दी थी.

इस घटना के बाद 3 सितंबर को ही कांकेर जिले में एक एसएसबी जवान ने अपने सर्विस राइफल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी.

जवान राकेश कुमार नक्सल प्रभावित कोसरोंडा 33 बटालियन कैम्प में पदस्थ थे. वह उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले थे.

इसी तरह 5 सितंबर को कांकेर में पुलिस जवान ने अपने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी.

जवान जागृत भंडारी लोहत्तर थाने में पदस्थ थे. उन्होंने थाने में ही अपनी कनपटी पर राइफल रख कर गोली चला दी थी.

गोली जवान के सिर के आरपार निकल गई थी. जवान को गंभीर हालत में रायपुर भेजा गया था.

14 सितंबर शनिवार को सीआरपीएफ जवान ने अपनी सर्विस राइफल से बाथरूम में जाकर खुद को गोली मार ली.

जवान विपुल भूयान असम के रहने वाले थे और दो दिन पहले ही छुट्टी से वापस आए थे.

वह सीआरपीएफ के 226 बटालियन में पदस्थ थे और गादीराम कैंप में तैनात था.

18 सितंबर को छत्तीसगगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में एक सीएएफ जवान ने अपने ही साथियों पर फायरिंग कर दी थी.

गोली लगने से 2 जवानों की मौत हो गई थी. वहीं एक जवान घायल हो गया था. यह घटना सीएएफ की 11वीं बटालियन की है.

18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड यानी एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में तैनात त्रिपुरा राइफल्स, टीएसआर के जवान ने अपनी एके-47 से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

गोली लगने से जवान की घटना स्थल पर ही मौत हो गई.

एसईसीएल की खदानों में सुरक्षा के लिए त्रिपुरा राइफल्स बटालियन के जवान आजाद सिंह की ड्यूटी खदान के कोल स्टॉक नंबर 29 के पास थी.

जवान ने वहीं पर अपनी सर्विस राइफल एके-47 से खुद को गोली मार ली.

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