सौम्या, रानू और समीर से जुड़े 18 ठिकानों पर एसीबी का छापा
रायपुर । संवाददाता: छत्तीसगढ़ में एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो ने जेल में बंद रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया से जुड़े डेढ़ दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापामारी की है.
शुक्रवार की सुबह ही भिलाई, रायपुर और कोरबा में छापामारी की गई.
छापामारी की इस कार्रवाई में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो यानी ईओडब्ल्यू भी शामिल है.
छापामारी की यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड और राजस्थान में भी हुई है.
झारखंड में सौम्या चौरसिया के रिश्तेदार रहते हैं, जबकि राजस्थान में समीन विश्नोई की ससुराल है.
मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में ईडी ने आईएएस समीर विश्नोई को 13 अक्टूबर 2022 को गिरफ़्तार किया था. उसके बाद से ही वे जेल में हैं.
इसी तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को कोयला लेवी घोटाला और कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ़्तार किया गया था.
साल 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया उसके बाद से ही जेल में बंद हैं.
इसी तरह आईएएस अधिकारी रानू साहू को कोयला लेवी घोटाला और कथित मनी लॉन्ड्रिंग में 22 जुलाई 2023 को ईडी द्वारा गिरफ़्तार किया गया था.
वे तब से ही रायपुर जेल में हैं.
ईडी ने इन सबके ख़िलाफ़ कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
इसके अलावा एसीबी-एंटी करप्शन ब्यूरो ने इन सबके ख़िलाफ़ नये सिरे से मामला दर्ज किया है.
इसकी जांच लगातार जारी है.
एसीबी का दावा-सौम्या की संपत्ति बेहिसाब
ईओडब्ल्यू-एसीबी ने बताया कि सौम्या चौरसिया ने अपने वर्षिक संपत्ति विवरण पत्रक में अपनी पैतृक संप्पति के रूप में लगभग 32 लाख रुपए की अचल संपत्ति होने का दावा किया है, परंतु 1 जुलाई 2021 से 30 जून 2022 तक उनकी माता श्रीमती शांती देवी चौरसिया, भाई अनुराग चौरसिया, पति सौरभ मोदी, रिश्तेदारों एवं अन्य बेनामी व्यक्तियों के नाम से कई अचल संपत्तियां खरीदने की जानकारी मिली हैं.
सौम्या चौरसिया ने अपने परिजनों के नाम पर 5 करोड़ 38 लाख 69 हजार 500 रूपए तथा परिचितों के नाम पर लगभग 3 करोड़ 83 लाख 20 हजार रूपए की बेनामी अचल संपत्ति खरीदी है.
उन्होंने जुलाई 2021 से जून 2022 तक केवल 1 वर्ष के भीतर ही लगभग 9 करोड़ 21 लाख 89 हजार 500 रुपए की अचल संपत्ति में निवेश किया है.
ईओडब्ल्यू और एसीबी के अनुसार, सौम्या चौरसिया के निवास स्थल ए-21, सूर्या रेसीडेंसी कोहका भिलाई एवं उनकी माता श्रीमती शांती देवी चौरसिया के निवास स्थल ए- 104 सूर्या रेसीडेंसी कोहका भिलाई में की गई जांच के दौरान आयकर विभाग को लगभग 42 लाख रूपए के स्वर्ण आभूषण, 4.5 करोड़ रूपए के आर्थिक संव्यवहार से संबंधित दस्तावेज, 4.17 लाख रूपए नकद तथा अपनी मेड बबीता महंत को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5 लाख रूपए एवं 8.5 लाख रूपए के स्वर्ण आभूषण देने से संबंधित साक्ष्य भी मिले हैं.
समीर विश्नोई के पास आय से 5 गुना अधिक संपत्ति
ईओडब्ल्यू और एसीबी के मुताबिक, निलंबित आईएएस समीर विश्नोई ने सितंबर 2010 से सितबंर 2022 के मध्य अपनी पत्नी प्रीति सिंह गोदरा एवं उनकी डायरेक्टरशिप एवं पार्टनशिप की फर्मों के नाम पर कई अचल सम्पत्ति खरीदी हैं, जिसकी कुल कीमत 2 करोड़ 99 लाख 93 हजार 650 रुपए है.
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने बताया कि प्रर्वतन निदेशालय ने 11 अक्टूबर 2022 को समीर विश्नोई के देवेन्द्र नगर स्थित निवास पर सर्च के दौरान 26 लाख रूपये नगद तथा 2 करोड़ 12 लाख 68 हजार 637 रूपए के स्वर्ण आभूषण तथा उनके गायत्री नगर स्थित निवास से लगभग 21 लाख रूपए बरामद किए थे.
समीर विश्नोई को सितंबर 2010 से सितंबर 2022 तक लगभग 93 लाख 7 हजार 146 रूपए वेतन के रूप मे प्राप्त हुए हैं, जबकि उनकी इस अवधि में लगभग 5 करोड़ 12 लाख रूपए से अधिक की असमानुपातिक चल,अचल सम्पत्ति अर्जित की है.
इस तरह समीर विश्नोई ने स्वयं एवं परिजनों के नाम पर ज्ञात आय के स्त्रोत से लगभग 5 गुना अधिक सम्पत्ति अर्जित की है.
रानू साहू के परिवार के नाम कई अचल संपत्तियां
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रानू साहू, सीईओ नगर पालिक निगम बिलासपुर, कलेक्टर, बालोद, कलेक्टर कोरबा एवं कलेक्टर रायगढ़ के अलावा संचालक कृषि विभाग के पद पर पदस्थ रहीं है.
ईओडब्ल्यू और एसीबी का दावा है कि रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं, जिनके द्वारा लोकसेवक के रूप में कार्य करते हुए ज्ञात आय के स्त्रोत से काफी अधिक स्वयं एवं परिवार के सदस्यों के नाम पर करोड़ों की अचल संपत्तियां अर्जित की हैं.
दावा है कि रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी एवं उसके सिंडीकेट सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र करते हुए कोयला ट्रांसपोर्टरों से डीओ एवं टीपी परमिट जारी किए जाने हेतु 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली में सक्रिय सहयोग प्रदान करने एवं उससे लाखों रूपए का असम्यक लाभ प्राप्त किया है.
ईओडब्ल्यू और एसीबी के अनुसार, रानू साहू जहां भी पदस्थ रहीं हैं, वहां किसी न किसी माध्यम से भ्रष्टाचार कर स्वयं को आर्थिक रूप से समृद्ध करती रही हैं.
रानू साहू ने अपने एवं परिवार के सदस्यों के नाम पर वर्ष 2015 से अक्टूबर 2022 तक लगातार अचल संपत्तियां खरीदी हैं. इन अचल संपत्तियों में निवेशित राशि लगभग 3 करोड़ 93 लाख 91 हजार 949 रूपए की बताई जा रही है.
रानू साहू को अप्रैल 2011 से 31 अक्टूबर 2022 तक की स्थिति में वेतन के रूप में लगभग 92 लाख रूपए प्राप्त हुए हैं. इस तरह उनकी अचल संपत्ति उनकी आय से कहीं अधिक है.
इसके अतिरिक्त रानू साहू के और भी अचल संपत्तियों, बीमा, शेयर, एसआईपी में निवेश किए जाने की सूचना है, जिसकी जांच अभी जारी है.