छत्तीसगढ़ में अफसर नेता ले रहे थे 40% तक कमीशन-ईडी
रायपुर | संवाददाता: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने डीएमएफ घोटाले के लिए कोरबा, दंतेवाड़ा और बीजापुर में की गई छापेमारी में 1.11 करोड़ नकद और बैंक बैलेंस जब्त, फ्रीज करने का दावा किया है. ईडी का कहना है कि ठेकेदारों से कई बैंक खातों की जानकारी और करोड़ों के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं.
ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक कार्यपालकों के साथ मिलीभगत करके सरकारी खजाने के पैसे की हेराफेरी में संलिप्तता के लिए दर्ज 03 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की.
यह मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि से धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से संबंधित है. डीएमएफ यानी डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड में खदानों द्वारा विकास कार्य के लिए दी गई रकम जमा होती है.
इसे छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में खनन से संबंधित परियोजनाओं और गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लाभ के लिए काम करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है.
ईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि 9 और 10 अगस्त को छत्तीसगढ़ के तीन और महाराष्ट्र में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इस दौरान तलाशी में डीएफ फंड के तहत जारी की गई राशि और विभिन्न कार्यों को करने वाले ठेकेदारों के ठिकानों की तलाशी ली गई.
ईडी के अनुसार छापे की कार्रवाई में ठेकेदारों द्वारा अफसर तथा राजनीति से जुड़े लोगों के साथ सांठ-गांठ कर डीएमएफ फंड में गड़बड़ी करने कमीशन बांटे जाने की जानकारी मिली है.
ईडी ने कहा है कि ठेकेदारों ने फंड में घोटाला करने 25 से 40 फीसदी तक कमीशन अफसरों और रसूखदार राजनीति से जुड़े लोगों को बांटा गया है. डीएएमएफ फंड में घोटाला करने के लिए ठेकेदारों ने फर्जी फर्म बनाकर भ्रष्टाचार किया है.
इस छापेमारी में ठेकेदारों के यहां से ईडी ने फर्म से संबंधित स्टैंप, आपत्तिजनक दस्तावेज तथा डिजिटल डिवाइस जब्त किया है.
तलाशी और जब्ती अभियान में 76.50 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है.
इसके अलावा प्रविष्टि प्रदाता फर्मों से संबंधित 8 बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है, जिनमें लगभग 35 लाख रुपये का खाता शेष है.
ईडी के अनुसार नकली फर्मों से संबंधित विभिन्न स्टाम्प और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं.