राधिका खेड़ा ने लिखा-शाम के 8-9 बजे के बाद तो सन्नाटा छाया रहता था…
रायपुर | संवाददाता: कुछ दिनों पहले तक भूपेश बघेल सरकार की तारीफ़ के पुल बांधने वाली राधिका खेड़ा ने अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की तारीफ़ करते हुए कहा है कि विष्णुदेव साय जिस तरह सभी से रात को 1-1 बजे तक भी मिल समस्याओं का हल कर रहे हैं, वह तारीफ़े काबिल है.
कुछ समय पहले ही भाजपा में शामिल हुईं राधिका खेड़ा ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है- “कल रात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी से उनके निवास में भेंट हुई.रात के 11:30 बजे भी मुख्यमंत्री कार्यालय लोगों से भरा हुआ था, जिसमें सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि आम नागरिक भी शामिल थे.”
राधिका खेड़ा ने भूपेश बघेल की आलोचना करते हुए लिखा- “पिछली सरकार में मैंने देखा है कार्यकर्ताओं, नेताओं के क्या हाल थे. जनता दरबार भी बंद कर दिया गया था. शाम के 8-9 बजे के बाद तो सन्नाटा छाया हुआ रहता था!”
कल रात छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री @vishnudsai जी से उनके निवास में भेंट हुई।
रात के 11:30 बजे भी मुख्यमंत्री कार्यालय लोगों से भरा हुआ था, जिसमें सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि आम नागरिक भी शामिल थे।
पिछली सरकार में मैंने देखा है कार्यकर्ताओं, नेताओं के क्या हाल थे।… pic.twitter.com/vTNQVFRrNA
— Radhika Khera (@Radhika_Khera) June 21, 2024
महीने भर पहले ही भाजपा में गई हैं राधिका खेड़ा
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और छत्तीसगढ़ की मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा ने पिछले महीने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला के साथ हुए कथित विवाद के बाद कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था.
राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफ़े में रामलला के दर्शन के लिए जाने के बाद से प्रताड़ित किए जाने और छत्तीसगढ़ में हुए विवाद का जिक्र किया था.
राधिका खेड़ा ने आरोप लगाया था कि “मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई.”
राधिका खेड़ा ने लिखा था-“मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुँच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इनकार कर दिया गया. मैंने हमेशा ही दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, किंतु जब स्वयं के न्याय की बात आई तो पार्टी में मैंने स्वयं को हारा हुआ पाया.”
हालांकि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ कर जाने वाले नेताओं पर भड़कते हुए उन्होंने कहा था कि वे खुद रामलला का दर्शन कर के आई हैं. लेकिन पार्टी ने कभी इस पर आपत्ति नहीं जताई.
एक टीवी चैनल पर उन्होंने कहा था कि जो लोग कह रहे हैं कि अयोध्या जाने पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति जताई थी, वो झूठ कह रहे हैं.
राधिका खेड़ा ने कहा था कि वे खुद अयोध्या हो कर आई हैं और किसी कांग्रेस नेता ने उनके अयोध्या जाने पर आपत्ति नहीं जताई थी.
विवाद के कई कारण
छत्तीसगढ़ में चर्चा है कि राधिका खेड़ा पहले से ही स्थानीय नेताओं से नाराज़ चल रही थीं.
स्थानीय नेताओं को इस बात पर आपत्ति थी कि राधिका खेड़ा बिना स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को भरोसा में लिए काम कर रही थीं. इसके कारण तनातनी बनी हुई थी.
इसके उलट राधिका खेड़ा स्थानीय नेताओं द्वारा की जा रही उपेक्षा को लेकर आहत थीं.
उनके परिजनों द्वारा छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार में फ़िल्म निर्माण का वर्क ऑर्डर और भुगतान को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी, जिससे राधिका नाराज़ थीं.
‘द क्रियेटिव जिप्सी’ नामक जिस जानी-मानी कंपनी को भूपेश सरकार में फ़िल्म निर्माण का जिम्मा दिया गया था, जिसकी सीईओ राधिका खेड़ा की मां हैं, उसके वर्क ऑर्डर अटके रहे. न वर्क ऑर्डर मिला और ना ही भुगतान.
इससे भी राधिका आहत थीं.