‘नसबंदी’ मुसलमानों के हित में: शिवसेना
मुंबई | समाचार डेस्क: शिवसेना ने साध्वी देवा ठाकुर के बात का समर्थन करते हुये कहा है कि नसबंदी देश तथा मुसलमानों के हित में है. शिवसेना ने साध्वी की इस बात का समर्थन किया है कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिये इसाईयों तथा मुसलमानों का जबरन नसबंदी करा देना चाहिये. इससे पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से मुस्लिम नेता ओवैसी को संपोला कहा था. शिवसेना ने बुधवार को एक बड़ा विवादित बयान देते हुए मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश लगाने के लिए उनकी जबरन बंध्याकरण कराने का समर्थन किया. अखिल भारतीय हिंदू महासभा की उपाध्यक्ष साध्वी देवा ठाकुर ने हाल ही में मुसलमानों तथा ईसाइयों की जबरन ‘नसबंदी’ कराने के बारे में कहा था, ताकि देश में उनकी बढ़ती संख्या पर रोक लगाई जा सके. शिवसेना ने बुधवार को साध्वी का समर्थन किया.
शिवसेना ने बुधवार को पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, “उनका आशय परिवार नियोजन से था..उन्हें ‘नसबंदी’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था, लेकिन परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण एक ही बात है.”
पार्टी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि हालांकि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जबरन बंध्याकरण आवारा कुत्तों का भी नहीं कराया जा सकता, जो सड़कों व गलियों में लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करते हैं. इनकी पैरवी के लिए मेनका गांधी जैसे पशु अधिकार कार्यकर्ता आगे आ जाते हैं.
शिवसेना ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि वह मुसलमानों की व्यथा से इतने ही चिंतित हैं, तो पहले उन्हें परिवार नियोजन के पक्ष में आगे आना चाहिए और महिलाओं के लिए बुर्का प्रथा पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.
शिवसेना ने कहा, “जब हम नसबंदी-क्षमा करें, परिवार नियोजन का मुद्दा उठाते हैं, तो यह देश और मुसलमानों के हित के लिए है.. परिवार नियोजन के माध्यम से वे अपने बच्चों का पालन-पोषण सही तरीके से कर पाएंगे और उन्हें बेहतर शिक्षा तथा जीवन दे सकेंगे.”