संघ का स्वदेशी पर जोर
नई दिल्ली | एजेंसी: मोहन भागवत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से स्वदेशी को बढ़ावा देने का आग्रह किया. संघ ने हिंदू समाज में जातिगत भेदभाव पर भी मजबूती से प्रहार किया.
संघ की स्थापना दिवस के मौके पर वार्षिक दशहरा संबोधन में भागवत ने नरेंद्र मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि मई में शासन की बागडोर संभालने के समय से सरकार ‘सही दिशा में जा रही है.’
संघ मुख्यालय के समीप हिंदी में एक घंटे के संबोधन में उन्होंने कहा, “यह अनिवार्य है कि सरकार की नीतियां राष्ट्र को आत्मनिर्भरता की दिशा में ले जाए और लोगों के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करे.”
“लेकिन समान रूप से लोगों के लिए भी स्वदेशी उत्पादों के उपभोग को प्रोत्साहित करना आवश्यक है.”
उन्होंने कहा, “रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की खरीदारी में हमारी आदत ऐसी हो गई है कि अपने देवी-देवताओं की प्रतिमा भी हम विदेशों में बनी इसलिए खरीदने लगे हैं क्योंकि वे सस्ती होती हैं. सस्ता खरीदने की आदत छोड़नी पड़ेगी.”
“हमें यह याद रखना होगा कि आत्मनिर्भरता राष्ट्रीय समृद्धि और सुरक्षा का आवश्यक अवयव है.”
भागवत ने मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इसने नए भारत के उदय की उम्मीद जगाई है और मोदी सरकार के शासन में लोगों की बेहतर जीवन की इच्छा की प्रतिध्वनि होनी चाहिए.
आरएसएस प्रमुख ने प्राचीन भारत की परंपराओं साहित कई क्षेत्रीय, वैश्विक मामलों पर भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने आतंकवाद और भविष्य में वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका पर भी अपनी बात रखी.
भागवत ने केरल और तमिलनाडु में जेहादी गतिविधियों पर और पश्चिम बंगाल एवं असम बांग्लादेशी घुसपैठ सहित माओवादियों की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की.
संघ प्रमुख ने कहा कि हमारे समाज से त्वरित और बड़े पैमाने पर सामाजिक भेदभाव का खत्म होना जरूरी है.
उन्होंने लोगों से ऐसी आदतें, अंधविश्वास, परंपराओं और रिवाजों को त्यागने की सलाह दी जिससे भेदभाव को बढ़ावा मिलता है.
अल्पसंख्यकों का उल्लेख किए बगैर भागवत ने लोगों से यह याद रखने के लिए कहा कि महान हिंदू समाज का हर सदस्य और भारत माता के हर बेटे-बेटियां हमारे अपने भाई और बहनें हैं.
हिंदू समाज में फैली जाति व्यवस्था की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर हिंदू मंदिर, श्मशान भूमि और सामूहिक जलस्रोत सभी हिंदुओं के लिए हों.”
इधर प्रधानमंत्री मोदी ने भागवत के भाषण की सराहना की.
मोदी ने शुक्रवार को संघ के स्थापना दिवस पर संगठन प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अपने संबोधन में समाज सुधार के प्रासंगिक मुद्दे उठाने के लिए उनकी सराहना की है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “मोहन भागवत जी ने अपने भाषण में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की. उन्होंने समाज सुधार का जो मुद्दा उठाया, वह आज बहुत प्रासंगिक है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “संघ के स्थापना दिवस पर मैं सभी स्वयंसेवकों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं.”
उधर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने संघ के स्थापना दिवस पर मोहन भागवत का भाषण दूरदर्शन पर सीधे प्रसारित करने के लिए मोदी की सरकार की आलोचना की है.
माकपा ने कहा, “संघ प्रमुख ने इस अवसर का इस्तेमाल आरएसएस की हिंदुत्व संबंधी विचारधारा के प्रचार के लिए किया.”
माकपा ने एक बयान में कहा गया, “राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारण सेवा का संघ जैसे संगठन के प्रमुख के भाषण के सीधे प्रसारण से कोई लेना-देना नहीं है.”
बयान में कहा गया है, “ऐसी गतिविधियां दर्शाती हैं कि मोदी सरकार में किस तरह सार्वजनिक प्रसारक सेवा का दुरुपयोग हो रहा है.”