दिल्ली में राष्ट्रपति, सीमा पर सेना
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: एक ओर चीनी राष्ट्रपति दिल्ली में बैठक कर रहें हैं दूसरी ओर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है. गुरुवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर बैठक में व्यस्त हैं. उधर करीब 1000 चीनी सैनिकों ने भातीय क्षेत्र में घुसपैठ की है. सैन्य सूत्रों के अनुसार, करीब 1,000 चीनी सैनिक जम्मू एवं कश्मीर स्थित लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में आ गए और वापस जाने से इनकार किया. इसके बाद भारतीय सेना ने आनन फानन में नियंत्रण रेखा पर जवानों की तीन टुकड़ियां भेजी.
हैदराबाद हाउस में गुरुवार को मोदी और शी की वार्ता से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत लद्दाख क्षेत्र में चीनी सैनिकों के घुसपैठ का मुद्दा उठाएगा.
उन्होंने कहा, “जब भारत और चीन जैसे महत्वपूर्ण देशों के बीच शिखर बैठक होती है, यह महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा का अवसर होता है. इसलिए, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह प्रक्रिया पहले से ही शुरू हो चुकी है. आप जिसकी बात कर रहे हैं कल उन महत्वपूर्ण मुद्दों को बड़े स्तर पर उठाया गया है.”
अकबरुद्दीन ने घुसपैठ के सवाल पर कहा, “आज, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जानी है और सभी महत्वपूर्ण है, इसमें वह हालिया घटना भी शामिल है, जिसकी आप जिक्र कर रहे हैं. मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम आपको इसके बारे में तब बता सकते हैं जब वार्ता पूरी हो जाएगी.”
उन्होंने कहा कि भारत और चीन का रिश्ता व्यापक है.
प्रवक्ता ने कहा, “हमने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान दिया है और हम इन क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाएंगे. हम आपको इनके बारे तब बताएंगे जब आज वार्ता पूरी हो जाएगी. लेकिन, एकबार फिर मैं आपको आश्वस्त करूंगा कि बेहद ईमानदारी के साथ इन मुद्दों को उठाया गया है, जिनका जिक्र आप कर रहे हैं और हालिया घटना से जुड़े मुद्दे को आज की वार्ता में उठाया जाएगा.”
शिखर वार्ता के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने चीनी राष्ट्रपति के साथ चीनी सैनिकों के घुसपैठ का मामला उठाया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति ,स्थिरता हमारे संबंधों की नींव है. इस प्रकार से प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को राजनयिक भाषा में आगाह कर दिया है कि सीमा पर घुसपैठ जारी रखने से संबंधों में खटास आ सकती है.