मंदिरों के शहर क्योटो पहुंचे मोदी
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: नरेंद्र मोदी इतिहास बनाने की कोशिश में जापान पहुंच चुके हैं.प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार भारतीय उप महाद्वीप के बाहर जापान की यात्रा पर पहुंचे हैं. भारत के पड़ोसी देशों में उन्होंने इससे पहले भूटान तथा नेपाल की यात्रा की थी. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के बजाये उसके प्रतिद्वंदी जापान की यात्रा को प्राथमिकता दी है. इससे मोदी के विदेश नीति की झलक मिलती है कि आने वाले समय में भारत का रवैया कैसा रहेगा. उनकी जापान यात्रा का उद्देश्य आधारभूत संरचना, व्यापार, रक्षा तथा नागरिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाना है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने क्योटो में अपने भारतीय समकक्ष मोदी की अगवानी की.
जापान के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने नई दिल्ली में भरोसा जताया था कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के एक नए अध्याय की शुरुआत होगी और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई थी कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सामरिक एवं वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाई मिलेगी. उन्होंने जापान को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय एवं वैश्विक साझीदार बताया.
प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली में कहा था, “हम दोनों देशों की घरेलू नीतियों के मद्देनजर रक्षा प्रौद्योगिकी, उपकरण एवं उद्योग सहित रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा करेंगे. मैं उन परियोजनाओं एवं पहलों के एजेंडे को गति देने की कोशिश करूंगा, जिन्हें दोनों देशों ने शुरू किया है, लेकिन अब तक पूरा नहीं किया जा सका है.”
मोदी क्योटो से जापान की राजधानी टोक्यो जाएंगे, जहां वह अबे के साथ ‘आने वाले वर्षो में आपसी वैश्विक एवं सामरिक साझेदारी’ पर चर्चा करेंगे.
भारत, जापान के साथ नागरिक परमाणु समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देना चाहता है, जिससे भारत को जापान के परमाणु प्रौद्योगिकी की आपूर्ति जल्द से जल्द की जा सकेगी. दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर 2010 से वार्ता हो रही है.
चर्चा में बुलेट ट्रेन परियोजना पर भी बातचीत होने की संभावना है. साथ ही जापान द्वारा भारत को यूएस-2 विमान बेचने पर भी चर्चा हो सकती है. दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर पहले से बातचीत जारी है. अबे भारतीय प्रधानमंत्री के लिए रात्रिभोज का आयोजन भी करेंगे.
प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ब्राजील की यात्रा की थी, लेकिन वह ब्रिक्स अर्थात् ब्राजील, भारत, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका देशों के सम्मेलन के संदर्भ में थी. प्रधानमंत्री मोदी की जापान य़ात्रा में मुख्य कोशिश उन्नत तकनालाजी को देश में लाने की रहेगी. इसके अलावा नागरिक परमाणु समझौते पर भी बातचीत होगी.