रेप के बदले 35 किलो चावल !
अतुल | राजनांदगांव: किसी युवती की इज्जत की क्या कीमत होती है? हर माह पांच सौ रूपए और 35 किलो चावल! जी हां, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री और चाऊंर वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध डा रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र में एक युवती की इज्जत की यह कीमत लगाई गई है और इस कीमत से पहले इस युवती के परिजनों से गांव में बैठका कर दंड के रूप में पहले तीन हजार 51 रूपए और फिर चार हजार 51 रुपए वसूल किए गए हैं, जिसे उसके पिता ने कर्ज लेकर चुकाया है.
मामला राजनांदगांव जिले के सोमनी थाना क्षेत्र के सांकरा गांव का है. यहां एक युवती पहले बलात्कार की शिकार होती है और जब गांव में मामला खुलता है तो बैठका कर उसे वहीं दबा दिया जाता है और युवती की इज्जत की कीमत लगा दी जाती है. मीडिया की जानकारी में आने के बाद अब पुलिस ने इस मामले में जुर्म दर्ज किया है और आरोपी युवक को गुरफ्तार कर लिया है.
राजनांदगांव के सांकरा गांव में रहने वाले एक खेतीहर मजदूर की गूंगी और बहरी बेटी से गांव में ही रहने वाले उसी के समाज के एक युवक टोमन निषाद ने युवती की शारिरिक अक्षमता का लाभ उठाकर कुछ महीने पहले बलात्कार किया था. युवती का गर्भ ठहर जाने के बाद उसके परिजनों को मामले की जानकारी हुई और जब उसके परिजनों ने समाज के सामने युवक की करतूत का बयान किया तो समाज ने युवती को इंसाफ देने के बजाय गांव में सामाजिक बैठका कर युवक और युवती दोनों को इस अपराध के लिए समान रूप से दोषी करार देकर दोनों को तीन हजार 51 रूपए का दंड दे दिया.
युवती के गरीब पिता ने किसी तरह कर्ज लेकर रूपए समाज को दिए और जब उसने अपनी बेटी के भविष्य को लेकर सवाल उठाया तो एक बार फिर पांच गांवों के लोगों ने बैठक लेकर यह फैसला सुना दिया कि आरोपी युवक, युवती को उसके भरण पोषण के लिए पांच सौ रूपए महीना और 25 किलो चावल देगा.
गांव में एक युवती की इज्जत का सौदा होता रहा और गांव के कर्णधार किसी भी तरह की जानकारी होने से अंजान रहने का नाटक करते रहे. दुर्भाग्य तो यह कि सांकरा में सरपंच एक महिला है, इसके बाद भी वह पूरे घटनाक्रम से खुद को अलग करती रही. महिला सरपंच का कहना था कि अगर मामला उनके पास आता तो वे जरुर कुछ करतीं लेकिन मामला सामाजिक पंचायत में आया और उन्हें इस बारे में बताया ही नहीं गया.
इस पूरे मामले में गांव में रहने वाले निषाद समाज के लोगों की भूमिका संदिग्ध रही. गांव के इसी समाज के व्यक्ति और क्षेत्रीय जनपद सदस्य सोमनाथ निषाद तो अपनी इस कारगुजारी का बखान ऐसे करते रहे मानों, उसने कोई बडा कारनामा कर दिया हो. वह कैमरे के सामने खुलेआम स्वीकारते रहे कि समाज की बैठक बुलाकर बलात्कार के इस मामले को सुलझाया गया है और युवक को पांच सौ रूपए और 35 किलो चावल देने का फैसला लिया गया है.
सोमनाथ निषाद का कहना था कि समाज की बैठक में हमने जो कुछ किया, उससे लड़की का भविष्य बच गया.
युवती के साथ बलात्कार होने और पूरे मामले को गांव में ही अवैध तरीके से दबा दिए जाने की जानकारी मीडिया तक पहुंचने के बाद जब इस संबंध में पुलिस से हस्तक्षेप करने कहा गया, तब पुलिस ने इस मामले में तहकीकात शुरू की और आरोपी युवक टोमन निषाद के खिलाफ धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया है.
बहरहाल, विकास के तमाम तरह के दावों के बाद भी जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर और नेशनल हाईवे से लगे गांव में एक युवती की इज्जत लूट जाने के बाद गांव में ही सामाजिक बैठका के नाम पर पीडिता के परिजनों पर ही दंड लगाने वाली यह घटना सम्य समाज के मुंह पर तमाचे की तरह है.