सेक्यूलर के तंज पर विवाद
मुंबई | डेस्क: हिंदुत्व को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच छिड़े विवाद में अबएआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं.
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राज्यपाल के कदम की आलोचना की है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री से इस तरह के कदम की अपेक्षा करना अप्रासंगिक है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था.
ओवैसी ने एक ट्वीट किया है, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह राज्यपाल द्वारा किया जा रहा है, जिसने संविधान की शपथ ली है. उस शपथ के लिए ‘हिंदुत्व’ की आवश्यकता नहीं थी. अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सीएम की हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता अप्रासंगिक है और इसे उठाया भी नहीं जाना चाहिए था.’
बता दें कि राज्य में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उन पर तंज कसा था और पूछा था कि आप सेक्यूलर कब से हो गए? इस चिट्ठी पर सीएम ने जवाबी चिट्ठी लिखी.
मंदिरों को खोलने को लेकर प्रतिबंध बढ़ाएं जाने पर राज्यपाल ने पत्र लिखकर पूछा था, “क्या आपने हिंदुत्व छोड़ दिया है और धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?”
उन्होंने लिखा, “1 जून को आपने टीवी पर दिए भाषण में एलान किया था कि राज्य ‘मिशन स्टार्ट अगेन’ की शुरुआत कर रहा है. लेकिन, दुर्भाग्य से सार्वजनिक रूप से ये बोलने के बाद भी आपने राज्य में सभाओं को बंद रखा. ये विडंबना है कि एक तरफ़ राज्य में बार, होटल और समुद्री तटों को खोलने की अनुमति दे दी गई है, दूसरी तरफ राज्य के देवी-देवता अभी भी लॉकडाउन में हैं.”
राज्यपाल ने “पिछले तीन महीनों में मुझसे कई प्रतिनिधिमंडल मिले,जिन्होंने धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग की है. इनमें धार्मिक नेता, दूसरे लोग और राजनीतिक नेता और एनजीओ शामिल हैं.”
राज्यपाल ने संविधान की शपथ लेने के बाद भी सेक्यूलरिज्म पर तंज कसा और लिखा- “आप हमेशा ही हिंदुत्व की आवाज़ रहे हैं. आपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या में राम मंदिर जाकर अपनी श्रद्धा का परिचय दिया था. मैं सोच रहा हूं कि क्या आपको दिव्य ज्ञान मिला है जिस कारण से आप धार्मिक स्थलों को खोलने की सीमा बढ़ाते जा रहे हैं, और क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए है, वो एक शब्द जिससे आप नफ़रत करते थे.”
इसके बाद जवाब में उद्धव ठाकरे ने गवर्नर को लिखा कि चिट्ठी में मेरे हिन्दुत्व का उल्लेख करना गलत है और हिन्दुत्व के लिए मुझे आप से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. अपनी जवाबी चिट्ठी में ठाकरे ने ये भी लिखा है, ‘मेरे राज्य की राजधानी को पाक अधिकृत कश्मीर कहने वालों को हंसते हुए घर में स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में नही बैठता है.’
पत्र का जवाब देते हुए उद्धव ने लिखा, “मेरे हिंदुत्व को आपके प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है… क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए हैं, आपको ऐसा सवाल क्यों पूछना है? क्या यह आपको स्वीकार्य नहीं है?”
“यही नहीं, मुझे इस संकट से लड़ते समय कुछ दिव्य ज्ञान ज़रूर मिला है…देश की परिस्थिति को देखते हुए, मैं महाराष्ट्र में हर संभव कोशिश कर रहा हूं.”
उद्धव ने लिखा, “आपने लिखा कि पिछले तीन महीनों में कुछ डेलीगेशन ने आपसे मुलाकात की और धार्मिक स्थलों को खोलने का आग्रह किया. आपने तीन चिट्ठियां भेजी हैं, ये तीनो बीजेपी के पदाधिकारी या समर्थकों की है. ये एक इत्तेफ़ाक हो सकता है.”