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छत्तीसगढ़ में 22 लाख आदिवासियों का अंतः प्रवास

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में लगभग 22 लाख आदिवासी अपने पुराने निवास स्थान को छोड़ कर राज्य या देश के अन्य हिस्से में प्रवास कर रहे हैं. इसी तरह अंतः प्रवास करने वाले अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या नौ लाख से अधिक है.

अगर पूरे राज्य के आंकड़ों की बात करें तो यह संख्या लगभग 89 लाख के आसपास है.

2011 में कराई गई विगत जनगणना के अनुसार पिछले निवास स्थान में परिवर्तन होने के कारण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समेत सभी प्रवासियों की संख्या छत्तीसगढ़ में 88,88,075 है.

गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देश भर में इस तरह के प्रवासियों की बड़ी संख्या है. देश में अकेले विवाह के कारण स्थान परिवर्तन से 21,11,86,431 लोग प्रवासी हुये थे. इसी तरह पूरे परिवार के साथ स्थान परिवर्तन करने वालों की संख्या 6,59,59,915 थी. जबकि रोजगार की तलाश में प्रवास करने वालों की संख्या 4,14,22,917 थी.

आंकड़े बताते हैं कि जन्म के पश्चात स्थान परिवर्तन करने वालों की संख्या 3,38,55,865 थी.

इसी तरह शिक्षा के लिये 54,57,556 और व्यापार के लिये 35,90,487 लोग प्रवासी बन गये. अन्य कारणों से प्रवासी बनने वालों का आंकड़ा 9,43,14,450 था.

अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो पिछले निवास स्थान में परिवर्तन होने के कारण प्रवासियों की संख्या 88,88,075 थी. इसमें अनुसूचित जाति की संख्या 9,65,278 थी. जबकि अनुसूचित जनजाति की संख्या 21,89, 506 थी.

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