अमित जोगी की चिट्ठी पर सतीश वर्मा का जवाब
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के नये महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अपने फेसबुक पोस्ट को लेकर सफाई दी है कि जो फेसबुक अकाउंट अस्तित्व में ही नहीं है, उससे पोस्ट कैसे संभव है.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में महाधिवक्ता कनक तिवारी को हटा कर उनकी जगह सतीशचंद्र वर्मा को नया महाधिवक्ता नियुक्त किया गया है. इसके बाद से ही विवाद जारी है. इस मुद्दे पर अमित जोगी ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिख कर गंभीर आरोप लगाये हैं.
इस मुद्दे पर अब सतीश चंद्र वर्मा ने अमित जोगी का नाम लिये बिना कहा है कि मैं एक गैर राजनीतिक व्यक्ति हूं मेरा राजनीति से कोई सरोकार नहीं है, मैंने छत्तीसगढ़ प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार के खिलाफ लगातार मुकदमे लड़े हैं, जब लोग न्यायालय में नहीं जवाब दे पा रहे हैं कि न्यायालय से बाहर अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं.
श्री वर्मा ने कहा है कि जिस फेसबुक अकाउंट की बात कर रहे हैं, वह फेसबुक अकाउंट खोल के देखा वह अकाउंट खुलता ही नहीं है. प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि उसे अकाउंट से यह कॉपी कब और कैसे ली गई, जब अकाउंट अस्तित्व में ही नहीं है तब उसे मैंने पोस्ट कैसे किया और मेरे खिलाफ दुष्प्रचार करने का तात्पर्य क्या है ?
उन्होंने कहा है कि लगातार न्यायालय में मैंने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मामले मुकदमे किए हैं. मैंने की समीरा पैकरा की तरफ से अलग अलग जाति प्रमाण पत्र निर्मित किए जाने के मामले को न्यायालय में समीरा पैकरा का पक्ष प्रस्तुत किया था. मैंने बतौर अतिरिक्त महाधिवक्ता पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार के दमाद के विरुद्ध भी मामले लड़े हैं. यही कारण है कि जब मुझे महाधिवक्ता के पद पर पदस्थ किया गया है तो लोगों को अपना व्यक्तिगत स्वार्थ एवं दुराग्रह प्रस्तुत करने का माध्यम बनाना चाह रहे हैं.
सतीशचंद्र वर्मा ने कहा है कि ना तो मेरा इन पोस्ट से कोई लेना देना है और ना ही मैं ऐसे किसी पोस्ट को समर्थन करता हूं. मैं मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे निर्वहन करने के लिए प्रतिबद्ध जिन लोगों ने शासन को धोखा दिया है, आज बाहर जा चुके हैं. वे नहीं चाहते कि शासन के कार्य सुचारू रूप से हों तथा शासन के लिए ईमानदारी पूर्ण रूप से कार्रवाई की जावे.
उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ नहीं स्वार्थी तत्व अपने निहित स्वार्थ एवं भ्रष्टाचार को तथा शासन को धोखाधड़ी रोकने को इन सब मामलों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले 6 महीने से अर्थात 3 जनवरी 2019 से अतिरिक्त महाधिवक्ता के तौर पर मैंने लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दों में शासन की तरफ से पैरवी किया है, जिनमें अंतागढ़ के मामले, नान से संबंधित मामले, डीकेएस हॉस्पिटल की भ्रष्टाचार से संबंधित मामले एवं इसके अलावा अनेकों अति महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार के मामले, जिसमें वर्तमान शासन प्रतिबद्धता के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रही है, मैंने सशक्त रूप से पक्ष रखा है. जिससे निश्चित रूप से कुछ लोगों को व्यक्तिगत आपत्ति एवं तकलीफ हो रही है. यही वजह है कि पिछले 6 महीने तक इस तरह के अनर्गल प्रलाप नहीं किए गए और अब झूठे तथ्य इसलिए गढ़े जा रहे हैं क्योंकि अब भ्रष्टाचारियों को निश्चित रूप से सामने सक्षम प्रतिपक्ष भयभीत कर रहा है. यही वजह है कि झूठे तथ्यों का सहारा लेकर राज्य में भ्रष्टाचार की लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है.
सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि मैंने पिछले अनेक वर्षों से सतत रूप से भाजपा के खिलाफ हर फ्रंट पर फोरम पर लड़ाई लड़ी है चाहे वह अंतागढ़ का मामला हो, डामर घोटाला हो स्कूल एजुकेशन से रिलेटेड मामला हो, आदिवासियों को नक्सली बताकर उनकी हत्या की जाने की बातें हो एवं करप्शन के खिलाफ सतत मैंने भाजपा के खिलाफ खुली लड़ाई लड़ी थी. साथ ही यह भी आवश्यक है कि यदि पिछले 6 महीने से मैं अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य कर रहा था तब प्रश्न नहीं उठाया गया तो अब प्रश्न उठाया क्यों जा रहा है निश्चित रूप से इसके पीछे कोई साजिश अवश्य दिखाई देती है.
अमित जोगी के गंभीर आरोप
गौरतलब है कि सतीशचंद्र वर्मा को जिन कारणों से अपना पक्ष पेश करने को विवश होना पड़ा है, उसके पीछे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी का वह पत्र है, जो उन्होंने राहुल गांधी को लिखा है.
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष और अधिवक्ता अमित जोगी ने सतीश चंद्र वर्मा के कथित फेसबुक अकाउंट के स्क्रिन शॉट के साथ राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है.
अमित जोगी ने सतीशचंद्र वर्मा को लेकर राहुल गांधी को लिखे पत्र में यह लिखा है-
उनकी नियुक्ति से प्रदेश में न केवल संवैधानिक संकट छाया हुआ है बल्कि उस से कहीं ज़्यादा गम्भीर सैद्धांतिक संकट उत्पन्न हो गया है. आपकी पार्टी की ‘प्यार की विचारधारा’ का समर्थक और आपके परिवार के प्रति सम्मान रखने के नाते, मैं आपको छत्तीसगढ़ शासन के नवनियुक्त महाधिवक्ता श्री सतीश चन्द वर्मा के संदर्भ- विशेषकर उनकी विचारधारा तथा आपके परिवार और पार्टी के प्रति उनकी मानसिकता- में निम्नलिखित 17 तथ्यों को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ:
1. 23 अगस्त 2014 की रात 10:32 उन्होंने “अखंड भारत” संस्था द्वारा जारी बयान “दोस्तों, पप्पू के बयान प्रधानमंत्री मोदी अज्ञानी है पर आप कुछ कहना चाहते हैं?” लिखकर अपनी मंशा प्रकट की.
2. 19 अक्टूबर 2014 की रात 10:05 उन्होंने स्वामी रामदेव के कथन “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मुक्त राज्य बनाने के लिए हरियाणा और महाराष्ट्र की जनता को साधुवाद” को “Perfectly right” और “बिल्कुल सही” करार देते हुए बयान साझा किया.
3. 18 फरवरी 2016 की दोपहर 3:49 उन्होंने “इलाहाबाद हाई कोर्ट का राहुल गांधी पर देशद्रोह दर्ज करने का आदेश” शीर्षित खबर पर स्वयं “Good” लिखकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करी.
4. 23 फरवरी 2016 की सुबह 8:30 उन्होंने लिखा: “इंडिया का पप्पू- उत्तर प्रदेश में बिना इजाजत सभा करने पर पुलिस ने राहुल गांधी का माइक छीन लिया, राहुल गांधी बोले- देखा आपने, मोदी सरकार मुझे बोलने नहीं दे रहे हैं? जिस गधे को यह नहीं पता उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का सरकार है, वह PM बनने के सपने देख रहा है.”
5. 22 मार्च 2016 की शाम 4:40 उन्होंने “स्वर्णिम भारत का स्वर्णिम स्वप्न” द्वारा जारी कथन “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चाचा का 1965 युद्ध पर विचार- क्या हो गया जो हम युद्ध हार गए और मानसरोवर और अक्साई चीन का कुछ इलाका चीन ने हड़प लिया, वह जमीन वैसे भी बंजर है, जहां तिनका तक नहीं उगता” के समर्थन में “वाह-वाह” लिखकर पोस्ट फ़ेसबुक पर साझा किया.
6. 8 मई 2016 की शाम 5:33 को उन्होंने “मोदी ने पूरा किया वादा- जेल जा सकते हैं वाड्रा, सोनिया के दामाद वाड्रा पर ईडी ने कसा शिकंजा” शीर्षक खबर के आगे स्वयं “अच्छे दिन आने वाले हैं” टिप्पणी लिखकर अपना समर्थन ज़ाहिर किया.
7. 12 मई 2016 की रात 8:45 उन्होंने “दुर्योधन और राहुल गांधी दोनों ही अयोग्य- सिर्फ राज परिवार में पैदा होने के कारण शासन पर अपना अधिकार समझते हैं और अर्जुन और नरेंद्र मोदी- दोनों योग्यता से धर्म के मार्ग पर चलते हुए शीर्ष पर पहुंचे जहां उनको एहसास हुआ कि धर्म का पालन कर पाना कितना कठिन होता है” पर “Good” लिखकर अपनी प्रतिक्रिया जारी की.
8. 17 जुलाई 2016 की शाम 4:48 उन्होंने AkhandBharatNews.com द्वारा प्रकाशित “बॉक्सिंग मैच देखने पहुंचे राहुल गांधी का मोदी-मोदी के नारे के साथ किया स्वागत” शीर्षक खबर का समर्थन किया.
9. 19 सितंबर 2016 की रात 9:46 उन्होंने “राहुल गांधी कुछ तो शर्म करो- 20 जवान शहीद हो गए और आप राजनीति कर रहे हो” शीर्षक नामक पोस्ट फ़ेसबुक पर साझा किया.
10. 28 मार्च 2017 की 6:53 “We Support Sangh Parivaar” संस्था द्वारा जारी कथन “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 100 करोड़ हिंदुओ से अपनी चुनावी हार का बदला ले रही है. इस कुकर्म की गूंज देश के हर कोने तक जाएगी. बदला 2019 में लेंगे” कथन का स्वयं “YES” लिखकर समर्थन किया.
11. 31 मई 2017 की शाम 5:30 बजे उन्होंने “Narendra Modi For PM 2019” मोर्चा द्वारा प्रकाशित खबर “कांग्रेस का चेहरा अगर इतना भयानक है तो हमें एक टाइम भूखा रखकर ही कांग्रेस मुक्त भारत बनाना है” शीर्षक वाली, गौ-मांस खाते हुए एक व्यक्ति की तस्वीर, डालकर अपना समर्थन प्रकट किया.
12. 23 जून 2017 की शाम 12:19 उन्होंने DainikBharat.org के कथन “ISI जनरल के इशारे पर काम करती थी सोनिया-मनमोहन सरकार” के समर्थन में फेसबुक पर एक पोस्ट साझा किया .
13. 17 फरवरी 2018 की दोपहर 2:08 उन्होंने अधिवक्ता श्री केशव गुप्ता द्वारा जारी बयान “नीरव मोदी का प्रधानमंत्री मोदी से उतना ही संबंध है जितना कि राहुल गांधी का महात्मा गांधी से” का “हा हा हा हा हा हा हा” लिखकर समर्थन किया.
14. 15 अप्रैल 2018 की सुबह 7:50 उन्होंने निम्नदर्शित कार्टून, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर हिंदुओं के विरुद्ध “दोहरी मानसिकता” पर तंज कसा गया है, को साझा किया.
15. 19 जून 2018 की शाम 4:41 उन्होंने “बार-बार सरकार- Modi Forever” नामक संस्था द्वारा जारी बयान “BJP ने जम्मू कश्मीर में PDP से गठबंधन तोड़ा, महबूबा मुफ्ती पत्थरबाज आतंकवादियों का कर रही थी समर्थन इसलिए अब लगेगा राज्यपाल शासन. बड़े पैमाने पर अब होगा जिहादियों और आतंकियों का सफाया” पर “हर हर महादेव” लिखकर अपना समर्थन दिया.
16. 1 अगस्त 2018 की दोपहर 2:37 उन्होंने सचित्र प्रश्न पूछते हुए बयान जारी किया कि “देश के दो टुकड़े कर दिए गए मगर कहीं से कोई आवाज नहीं आई, आधा कश्मीर चला गया, कोई गौर नहीं किया, तिब्बत चला गया, कही विरोध नहीं, अपने ही देश में शरणार्थि बने कश्मीर के पंडितो पर किसी को कोई दर्द नहीं हुआ, लेकिन आज असम NRC में सामने आये घुसपैठियों के लिए दर्द फूट रहा है” पोस्ट जारी करी.
17. 11 अगस्त 2018 की दोपहर 2:23 उन्होंने लिखा: “अमर बलिदानी खुदीराम बोस का आज ही है बलिदान दिवस, गांधी-नेहरू ने नहीं, इन जैसे बलिदानों ने दिलाई आजादी. गांधी-नेहरू से फुर्सत मिले तो इन्हें भी याद करना.”
श्री सतीश चन्द वर्मा की अगस्त 2014 से अगस्त 2018 (विधान सभा चुनाव के मात्र 3 महीने पहले) के बीच उपरोक्त 17 वर्णित अभिव्यक्तियों- जिनकी प्रतिलिपियाँ (Annexures B-1 से B-17) आपके साथ प्रमाण स्वरूप इस पत्र के साथ साझा कर रहा हूं- से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा नियुक्त महाधिवक्ता की वैचारिक एवं सैद्धांतिक मानसिकता स्पष्ट रूप से उजागर होती है. इससे ज्यादा दुर्भाग्य की क्या बात हो सकती है कि जिस पार्टी के नेता आज भी अपने “प्यार में विचार” के लिए तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद निडरता के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं, उनके द्वारा चयनित मुख्यमंत्री ने एक ऐसे व्यक्ति को अपनी सरकार का मुख्य न्यायिक अधिकारी नियुक्त कर दिया है जिसकी स्वयं की विचारधारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभी मौलिक सिद्धांतों के ठीक विपरीत है.
श्री सतीश चन्द वर्मा की छत्तीसगढ़ शासन के महाधिवक्ता पद पर नियुक्ति के दो ही मायने लगाए जा सकते हैं: या तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही श्री सतीश चन्द वर्मा का अचानक हृदय-परिवर्तन हो गया या फिर देश में भाजपा की सरकार बनते ही इंडीयन नैशनल कांग्रेस पार्टी का इतना भयानक सैद्धांतिक और वैचारिक-परिवर्तन हो गया है कि अब वो गांधी के पुजारी- इस सम्बंध में यह बताना आवश्यक है कि श्री कनक तिवारी, जिन्हें बेइज़्ज़त करके महाधिवक्ता पद से आपके दल के नेता ने बर्खास्त कर दिया है, ने “गांधीयाना” शीर्षित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों पर 12 पुस्तकों की शृंखला का प्रकाशन किया है- के स्थान पर उनके हत्यारे गोडसे के प्रशंसकों और उपासकों को पुरस्कृत करने लगी है? इस से आप राष्ट्र को क्या संदेश देना चाहते हैं?
इस सम्बंध में आपको ये भी बताना ज़रूरी समझता हूँ कि एक बड़ी सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा केवल ट्विटर पर बयानबाज़ी करके केवल विरोध का दिखावा कर रही है. असल में उनके मन में ख़ुशी के लड्डू फूँट रहे हैं क्योंकि उन्हीं की विचारधारा के कट्टरपंथी को श्री भूपेश बघेल ने महाधिवक्ता बना दिया है.