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बैलेट में हारी भाजपा, ईवीएम में जीती

नई दिल्ली | संवाददाता: ईवीएम को लेकर फिर सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तरप्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद विपक्षी दलों ने फिर से भाजपा पर निशाना साधा है. आरोपों में कहा जा रहा है कि जहां ईवीएम मशीन मतदान हुये हैं, वहां तो भाजपा जीती है लेकिन जहां बैलेट पेपर से मतदान हुये हैं, वहां भाजपा बुरी तरह हारी है.

सोशल मीडिया पर भी इन आरोपों के पक्ष में खबरें चल रही हैं. हालांकि इसका दूसरा पक्ष ये है कि पिछले कई सालों से ईवीएम को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन अब तक इसमें टैंपरिंग की बात कभी प्रमाणित नहीं हुई है.

सहारनपुर का मामला तो और भी दिलचस्प है. सहारनपुर में निर्दलीय महिला प्रत्याशी को एक भी वोट नहीं मिला. रिजल्ट आने पर प्रत्याशी ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये कैसे संभव है मेरा वोट भी मुझे नहीं मिला. कम से कम मेरे और मेरे परिवार को वोट तो मिलना था. इससे पहले भी कई बार ईवीएम पर सवाल उठते रहे हैं.

सहारनपुर के वार्ड नंबर 54 से पार्षद प्रत्याशी शबाना को काउंटिंग में पता चला कि उन्हें एक भी वोट नहीं मिला है. इस पर शबाना ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कम से कम मेरा और मेरे परिवार का तो वोट मुझे मिला ही है. ऐसा कैसे संभव हो सकता है कि मेरा वोट भी मुझे नहीं मिला. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि कम से कम 900 वोट हमें मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई है तभी मुझे एक भी वोट नहीं मिला.

इससे पहले वोटिंग के दौरान भी ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं. कानपुर में वोटिंग मशीन में गड़बड़ी को लेकर लोगों ने हंगामा किया. वार्ड नंबर 66 पर ईवीएम में खराबी की शिकायत के बाद वोटरों ने जमकर बवाल किया था. नौबस्ता के पशुपतिनगर इलाके में आक्रोशित भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

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