अमरीका में बढ़ी नस्ली नफरत
नई दिल्ली | संवाददाता: अमरीका में एक सिख युवती को नस्ली भेदभाव का शिकार होना पड़ा है. राजप्रीत हीर नाम की सिख युवती से सबवे ट्रेन में एक अमरीकी ने चीख-चीखकर कहा कि अपने देश लेबनान वापस जाओ. उस अमरीकी का सोचना था कि सिख युवती लेबनान की रहने वाली है. अमरीकी ने सिख युवती से कहा तुम मरीन लुक के बारे में जानती हो? वह कैसे दिखते हैं? उन्होंने इस देश के लोगों के साथ कैसा बर्ताव किया? ऐसा सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे जैसे लोगों की वजह से है. तुम इस देश की नहीं हो. उम्मीद है कि तुम लेबनान लौट जाओगी.
बता दें कि कुछ समय पहले वॉशिंगटन के केंट में एक भारतीय सिख को गोली मार दी गई थी. सिख को गोली मारते समय नकाबपोश 6 फीट लंबे गोरे अमरीकी ने चीखकर कहा, ‘वापस अपने देश जाओ’. 39 वर्षीय सिख को उस समय गोली मारी गई जब वह अपने घर के बाहक कार की मरम्मत कर रहा था.
उससे पहले एक गुजराती हर्निश पटेल की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. हर्निश के पहले 22 फरवरी को कैंजस में तेलंगाना के इंजीनियर श्रीनिवास की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. श्रीनिवास को गोली अमरीकी के पूर्व नेवी सैनिक ने की थी. गोली मारते समय उसने भी कहा था, ‘मेरे देश से बाहर निकलो’.
ऐसा लगता है कि कुछ अमरीकी सभी विदेशियों को अपने देश के बाहर कर देना चाहते हैं. जाहिर है कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में नस्ली नफरत अपने पैर फैला रही है. एक समय ऐसा था कि जब सोवियत संघ के पूर्व राष्ट्रपति स्टालिन की लड़की स्वेतेलाना को अमरीका ने शरण दी थी. उस समय भी शीतयुद्ध अपने चरम पर था लेकिन अमरीकी सरकार ने स्वेतेलाना को अपने देश में शरण दी थी.
गौरतलब है कि नवनिर्वाचित अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण करते ही कुछ मुस्लिम देशों पर पाबंदी लगी दी थी. जिसका विरोध वहां की कई अदालतों ने किया है. ऐसा लगता है कि इससे वहां जनता के बीच संदेश गया है कि विदेशियों को बाहर कर देने से अमरीकियों का भला होगा.