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चीन मसूद अजहर को बचा रहा है

नई दिल्ली | संवाददाता: चीन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर यूएन में बैन लगाने नहीं दे रहा है. अमरीका ने जनवरी माह के तीसरे हफ्ते में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रतिबंध समिति के सामने मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था. जिसका इग्लैंड तथा फ्रांस ने भी समर्थन किया था. भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा है कि हम चीन के इस कदम को चिंता से देख रहे हैं. एक बार फिर चीन के इस कदम से संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद की आतंकी सूची में शामिल संगठन के सरगना के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाया. हमें उम्मीद थी कि चीन सभी के लिये इस आतंकी खतरे को समझेगा और भारत और दूसरे देशों के साथ आतंक के खिलाफ साझा लड़ाई में उतरेगा.

भारत का कहना है कि पिछले साल पठानकोट एयरबेस पर हुये हमले समेत कई अन्य आतंकी हमलों में मसूद अजहर का हाथ है. संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति की मंजूरी मिल जाने पर मसूद अजहर की संपत्ति पर रोक लग गई होती और पाकिस्तान समेत अन्य देशों में उसकी यात्रा पर प्रतिबंध लागू हो जाता.

पिछले साल भी चीन ने इसी तरह से मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव पर तकनीकी आधार पर अड़ंगा लगा दिया था.

हालांकि इससे कुछ दिन पहले चीन ने अपने रुख पर विचार करने का संकेत दिया था लेकिन ऐन वक्त पर चीन ने अपने पुराने रवैये का प्रदर्शन किया.

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