राष्ट्र

बैंकों में हो सकती है हड़ताल

नई दिल्ली | संवाददाता: नोटबंदी का यही हाल रहा तो बैंक यूनियन हड़ताल पर जा सकता है. बैंकों में नोट की आपूर्ति की लगातार कमी और ग्राहकों के साथ रोज-रोज के झगड़ों से परेशान बैंक यूनियन ने कहा है कि अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो बैंक के कर्मचारी आने वाले दिनों में हड़ताल पर जा सकते हैं.

इससे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने दावा किया था कि रिजर्व बैंक की ओर से देश के सभी बैंकों को पर्याप्त मात्रा में नोटों की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने इस बात को भी गलत बताया था कि बैंकों में नोट की कमी बनी हुई है.

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लेकिन उर्जित पटेल के उलट ऑल इंडिया बैंक एप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने साफ कहा है कि रिजर्व बैंक का दावा गलत है. वेंकटचलम ने कहा कि रिजर्व बैंक बड़ी मुश्किल से बैंकों को जरुरत का केवल 25 फीसदी नोट ही उपलब्ध करा पा रहा है. नोटों की जितनी मांग है, उसकी तुलना में आपूर्ति बहुत कम है. यही कारण है कि हर दिन देश के अलग-अलग बैंकों में ग्राहक और बैंक कर्मचारी उलझ रहे हैं.

सीएच वेंकटचलम ने कहा कि एटीएम में पैसे नहीं हैं और बैंकों से भी ग्राहकों को पैसे नहीं मिल रहे हैं. यह एक शर्मनाक स्थिति है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को साफ करना चाहिये कि मांग की तुलना में उन्होंने कितने रुपये की आपूर्ति की है. सीएच वेंकटचलम का कहना था कि उन्होंने पूरे मामले को लेकर केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र भी लिखा लेकिन किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया.

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वेंकटचलम ने साफ किया कि जो हालात हैं, उनमें बैंककर्मियों के लिये काम करना मुश्किल है. ऐसे में बैंक के कर्मचारी अगले दस दिनों में हड़ताल पर जा सकते हैं.

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