RSS तोड़ती कांग्रेस जोड़ती है: राहुल
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: राहुल गांधी ने कहा आएसएस लोगों को आपस में लड़ाती तथा कांग्रेस उन्हें जोड़ती है. इसी के साथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदीजी से 56 इंच का सीना दिखाने तथा उन पर जांच कराने की चुनौती दी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार को निशाने पर लिया. सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ‘सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति’ कर रही है, ‘कांग्रेस की विरासत को ध्वस्त करने और इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश’ कर रही है.
सोनिया और राहुल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 98वीं जयंती पर युवक कांग्रेस के एक कार्यक्रम में मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की.
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया, “सरकार सुनियोजित तरीके से कांग्रेस की विरासत को ध्वस्त कर रही है”, जबकि राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने खास लोगों के जरिए उन पर निशाना लगा रहे हैं.
राहुल ने कार्यकर्ताओं के जोश भरे समर्थन के बीच कहा, “मैं एक बात कहना चाहता हूं मोदीजी. आपके पास एजेंसियां हैं. अपनी 56 इंच की छाती दिखाइए. जांच कराइए. अगर छह महीने के अंदर कुछ मिले तो मुझे जेल में डाल दीजिए. जो गंदगी आप मुझ पर, मेरे परिवार पर फेंक रहे हैं..मुझे जेल भेजिए अगर मैंने कुछ गलत किया है.”
राहुल की यह प्रतिक्रिया भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के इस आरोप पर आई है कि राहुल ब्रिटिश नागरिक हैं. स्वामी ने कहा था कि राहुल की भारतीय नागरिकता छीन लेनी चाहिए और उन्होंने इस बारे में मोदी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिखा है.
राहुल ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि ये उन पर और उनके परिवार पर गंदगी उछाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह न तो भाजपा से डरते हैं न ही इसके विचारक उस्ताद से.
राहुल ने कहा, “मैं किसानों के लिए, मजदूरों के लिए लड़ता रहूंगा.”
राहुल ने इंदिरा गांधी के जीवन की बातें बताईं जिनमें विभाजन के समय मुसलमानों और हिंदुओं को एकजुट करने की बात भी शामिल थी. उन्होंने कहा कि एक तरफ आरएसएस के लोग हैं जो लोगों को एक-दूसरे से लड़ाते हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस है जो लोगों को जोड़ती है.
राहुल गांधी ने युवक कांग्रेस द्वारा इंदिरा गांधी के लिए दिए गए नारे ‘मां तुझे सलाम’ का जिक्र किया.
राहुल ने आरएसएस और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट का नाम एक साथ लिया और कहा कि दोनों तरफ उन्मादी हैं जिनकी वजह से हमारा नाम बदनाम हो रहा है.
सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कहा, “आज जब हम देख रहे हैं कि सत्ता में बैठे लोग सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं, कुछ खास और शक्तिशाली लोगों के लिए नीतियां बना रहे हैं, जब हम उनकी विचारधारा देखते है जो धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता और सबको साथ लेकर चलने की नीतियों का त्याग करती है, जब हम देखते हैं कि उनके प्रवक्ता वोट लेने के लिए खुल्लमखुल्ला पक्षपाती अपील कर रहे हैं, तब ऐसे में इंदिराजी के मूल्य और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं.”
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता के लिए समर्पित थीं. सफलता के शिखर से पराजय के धरातल तक जहां से फिर नई ऊंचाईयों तक उठना था, इंदिरा गांधी का जीवन हमें बताता है कि हिम्मत, लगन और दृढ़संकल्प से बड़ी से बड़ी बाधा पर विजय पाई जा सकती है.