बिलासपुर

छत्तीसगढ़: झोला छाप डाक्टर की करतूत

रतनपुर | उस्मान कुरैशी: छत्तीसगढ़ के बेलगहना क्षेत्र में गर्भपात करने नीम हकीम के द्वारा दी गई दवा से वनांचल में एक आदिवासी महिला की जान पर बन आई है. उसे उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में भर्ती कराया गया. जहां उसकी चिंताजनक हालत को देखते हुए सिम्स रिफर किया गया है.

छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के बेलगहना क्षेत्र के ग्राम पंचायत परसापानी निवासी महिला की तबियत गर्भपात कराने से बिगड़ गई है. परिजनों के मुताबिक महिला के तीन बच्चे है. चौथी बार गर्भ ठहर जाने पर महिला अपने पति के साथ गर्भपात कराने बेलगहना गई. जहां उन्होने कथित डाक्टर पवन गुप्ता से गर्भपात कराने की दवा ली. महिला के पति चंद्रलाल तिर्की के मुताबिक डाक्टर पवन ने उसकी पत्नी को खाने के लिए दवा की तीन खुराक दी. दवा की दो खुराक खाने के बाद उसकी पत्नी की हालत बिगड़ने लगी. उसका रूक रूक कर रक्त श्राव होने लगा. हालत बिगड़ने के बाद भी परिजनों ने महिला को आठ दिनों तक घर में ही रखा. स्थिति बेकाबू होने पर सोमवार की सुबह परिजन महिला को संजीवनी 108 से उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर पहुंचे जहां उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में महिला का उपचार कर रहे डाक्टर विजय चंदेल का कहना है कि महिला का रक्तश्राव रूक नही रहा है जिससे महिला की हालत चिंता जनक बनी हुई है. बेहतर उपचार के लिए उसे सिम्स रिफर किया जाएगा.

इस मामले में जब मोबाईल से कथित डाक्टर पवन गुप्ता से बात की गई तो उन्होने शादीशुदा दंपत्ति के गर्भपात कराने आने की बात कहीं. उन्होने ऐसे मामलों मे एक माह का गर्भ रहने पर एमसीआर दवा देने की बात कहीं है.

इस मामले मे कोटा एस डी एम विनित नंदनवार ने शिकायत मिलने पर डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

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