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फांसी पर स्थगन के खिलाफ नवाज शरीफ

इस्लामाबाद | मनोरंजन डेस्क: पेशावर में निर्दोष बच्चों की मौत के बाद नवाज़ शरीफ़ ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के महान्यायवादी को निर्देश दिया कि पांच आतंकवादियों की फांसी पर अदालत द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएं. द न्यूज इंटरनेशनल की रपट के मुताबिक, लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने पांच आंतकवादियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है, जिन्हें लाहौर के कोट लखपत जेल में फांसी दी जानी है.

दोषियों के वकील ने एक याचिका दाखिल की है, जिसमें नागरिक को सैन्य अदालत द्वारा दी गई सजा का विरोध किया गया है और तर्क दिया गया है कि उनके मुवक्किलों को न तो वकील और न ही सजा से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए गए.

उच्च न्यायालय ने अहसान अजीम, आसिफ इदरीस, आमिर नदीम, कामरान असलम तथा उमर यूसुफ की फांसी पर रोक लगा दी है, साथ ही कैदियों से संबंधित विस्तृत सूचना मांगी है.

प्रधानमंत्री के प्रवक्ता के मुताबिक, शरीफ ने सजा के निलंबन पर संज्ञान लिया है और उन्होंने फांसी की सजा पर निलंबन को निरस्त करने तथा आतंकवाद से संबंधित लंबित मामलों के पुनर्मूल्यांकन के लिए महान्यायवादी को कदम उठाने का निर्देश दिया है.

शरीफ ने कहा है कि सेना, नागरिकों तथा निर्दोष बच्चों की हत्या करने वालों को कोई रियायत नहीं मिलेगी.

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