बचपन से ही कुशाग्र थे अनिल सिन्हा
पटना | एजेंसी: अनिल सिन्हा के जानने वालों का कहना है कि अब जाकर उन्हें उनकी योग्यता का उचित पुरस्कार मिला है. बिहार कैडर के 1979 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी अनिल कुमार सिन्हा को केन्द्रीय जांच ब्यूरो का नया निदेशक नियुक्त किया गया है.
बिहार के बक्सर जिला स्थित डुमरांव के मूल निवासी सिन्हा का बचपन पटना में बीता और यहीं से प्रांरभिक शिक्षा प्राप्त की. पटना की माटी में पले-बढ़े सिन्हा के इतने ऊंचे पद पर पहुंचने के बाद न केवल पटना, बल्कि उनके मूल शहर बक्सर के लोग भी खुश हैं. बक्सर में आज भी उनके चाचा का परिवार रहता है. सिन्हा की पत्नी सर्वोच्च न्यायालय में वकील हैं. सिन्हा के पिता राणा प्रताप सिन्हा की पहचान इस क्षेत्र में आज भी ‘राणा बाबू’ के रूप में है.
सिन्हा के चचेरे भाई शैलेन्द्र श्रीवास्तव कहते हैं, “आज न केवल पूरे परिवार और बक्सर, बल्कि पूरे बिहार के लिए खुशी का क्षण है और यह बिहार के लिए गौरव की बात है. शैलेन्द्र बक्सर न्यायालय में वकील हैं.”
16 जनवरी, 1956 को जन्मे सिन्हा का पूरा परिवार पटना के गोला रोड स्थित उनके पुश्तैनी मकान में रहता है. पटना विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले सिन्हा प्रारंभ से ही कुशाग्र बुद्घि के थे. मनोविज्ञान विषय में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले सिन्हा ने केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड युनिवर्सिटी में भी शिक्षा ग्रहण की है.
बिहार में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्व काल में सिन्हा अपर पुलिस महानिदेशक विधि-व्यवस्था तथा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में रहे. निगरानी में रहते हुए सिन्हा ने लोकसेवकों के अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति की जांच में मुख्य निभाई.
वर्ष 2000 में सराहनीय सेवा और वर्ष 2006 में विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया. सिन्हा ने पश्चिम बंगाल में हुए शारदा चिटफंड घोटाला और ओडिशा के रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच में अहम भूमिका निभाई है.
सिन्हा के जानने वालों का कहना है कि अब जाकर उन्हें उनकी योग्यता का उचित पुरस्कार मिला है. छात्र जीवन से सिन्हा को जानने वाले पटना महाविद्यालय के प्राचार्य एन.क़े चौधरी कहते हैं कि सिन्हा प्रारंभ से ही कुशाग्र बुद्घि के थे और काम के प्रति उनका जुझारूपन उन्हें अन्य पुलिस अधिकरियों से अलग करता था.
वे कहते हैं कि सबों से आत्मीय संबंध रखने के कारण ही आज सिन्हा इस मुकाम पर पहुंचे हैं. शालीन व्यक्तित्व छवि के धनी सिन्हा ऐसे पहले सीबीआई निदेशक हैं, जिनका चुनाव लोकपाल कानून के तहत किया गया है.